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ITI के लिए रैंकिंग की तैयारी, प्रदर्शन में होगा सुधार

कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय जल्द ही देश के करीब 15,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) की अपनी तरह की पहली रैंकिंग जारी करने जा रहा है।

Published by
शिवा राजौरा   
असित रंजन मिश्र   
Last Updated- August 11, 2024 | 10:59 PM IST

कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय जल्द ही देश के करीब 15,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) की अपनी तरह की पहली रैंकिंग जारी करने जा रहा है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि देश में उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए नैशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) की तरह आईटीआई की रैंकिंग भावी छात्रों और नियोक्ताओं को इन कौशल संस्थानों की गुणवत्ता का बेहतर आकलन करने में मदद करेगी।

अधिकारी ने कहा, ‘सरकारी और निजी तरह के आईटीआई संस्थानों को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से हम उनके मूल्यांकन के लिए एक डेटा आधारित प्रणाली विकसित कर रहे हैं। उसी के आधार पर उनकी रेटिंग और रैंकिंग की जाएगी। यह आईटीआई की मौजूदा स्थिति को बेहतर करने एकमात्र लोकतांत्रिक तरीका है। कौशल मंत्रालय अक्टूबर के अंत तक आईटीआई संस्थानों के लिए रैंकिंग का खुलासा करेगा और सभी निजी एवं सरकारी आईटीआई को रैंक किया जाएगा।’

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, फिलहाल देश में हरेक 5 में से 4 आईटीआई संस्थान निजी तौर पर संचालित हैं। राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीटी) के आंकड़ों से पता चलता है कि 2022 में कुल 26 लाख उपलब्ध सीटों में से महज 47 फीसदी (12.4 लाख) का ही उपयोग किया गया।

अधिकारी ने कहा, ‘प्रस्तावित रैंकिंग हर साल जारी की जाएगी और यह एनसीवीटी पोर्टल से लिए गए आंकड़ों पर आधारित होगी। इसमें परीक्षाएं, महिलाओं की संख्या, उत्तीर्ण छात्रों का प्रतिशत, शिक्षकों एवं प्रशिक्षकों की उपलब्धता आदि को ध्यान में रखा जाता है। वित्त मंत्री द्वारा बजट में घोषित केंद्र प्रायोजित नई योजना के तहत उन्नयन के लिए 1,000 आईटीआई के चयन में भी इस रैंकिंग का उपयोग किया जाएगा।’

बजट योजना के तहत अगले 5 साल की अवधि में 20 लाख युवाओं को कौशल का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए 1,000 आईटीआई संस्थानों का उन्नयन किया जाएगा ताकि परिणाम आधारित व्यवस्था की जा सके। इस मद में कुल 60,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे जिसमें से 30,000 करोड़ रुपये केंद्र और 20,000 करोड़ रुपये राज्य उपलब्ध कराएंगे। शेष रकम उद्योग द्वारा जुटाई जाएगी।

अधिकारी ने कहा, ‘बजट में आईटीआई पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित किया गया है। इन संस्थानों में बदलते समय के साथ बदलाव करने की आवश्यकता है। पहले के कदम वित्तीय लिहाज से उपयुक्त नहीं थे। मगर रैंकिंग दिए जाने से इन संस्थानों को अपने पाठ्यक्रमों का मूल्यांकन करते हुए उसे उद्योग की मांग के अनुरूप ढालने में मदद मिलेगी।’

आईटीआई संस्थानों को रैंकिंग देने का यह कदम प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) द्वारा 2017 में आईटीआई को ग्रेड देने के प्रयासों का नतीजा है। ग्रेडिंग के पहले चरण में 43 मानदंडों को 10 व्यापक श्रेणियों में बांटा गया था। साल 2019 में ग्रेडिंग के दूसरे चरण में 5 श्रेणियों के तहत 27 मानदंड शामिल थे।

First Published : August 11, 2024 | 10:59 PM IST