भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी | फाइल फोटो
भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को शतरंज के खेल से जोड़ते हुए कहा कि यह ऑपरेशन अनिश्चितता और रणनीति का बेहतरीन उदाहरण था। शनिवार को IIT-मद्रास में अपने संबोधन में जनरल द्विवेदी ने बताया कि कैसे भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 आम नागरिकों की जान गई थी।
जनरल द्विवेदी ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारतीय सेनाओं ने ‘ग्रे जोन’ रणनीति अपनाई। उन्होंने इसे समझाते हुए कहा, “यह शतरंज का खेल था। हमें नहीं पता था कि दुश्मन अगला कदम क्या उठाएगा और हम क्या करेंगे। ग्रे जोन यानी हम पारंपरिक युद्ध नहीं लड़ रहे थे, लेकिन हमने ऐसा कुछ किया जो पूर्ण युद्ध से थोड़ा कम था।”
उन्होंने बताया कि पारंपरिक युद्ध में पूरी ताकत झोंक दी जाती है, लेकिन ग्रे जोन में सभी क्षेत्रों में सावधानीपूर्वक कार्रवाई की जाती है। जनरल द्विवेदी ने कहा, “हम शतरंज की चाल चल रहे थे, दुश्मन भी अपनी चाल चल रहा था। कहीं हमने उसे शह-मात दी, तो कहीं हमें जोखिम उठाकर हमला करना पड़ा।”
बता दें कि बीते शनिवार को वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा था कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत ने पाकिस्तान के कम से कम पांच लड़ाकू विमानों और एक बड़े विमान को नष्ट किया। उन्होंने कहा, “हमें जानकारी है कि एक हैंगर में कम से कम एक AWC (हवाई चेतावनी और नियंत्रण) विमान था, साथ ही कुछ F-16 विमान जो रखरखाव के लिए थे। हमने कम से कम पांच लड़ाकू विमानों को मार गिराया और एक बड़ा विमान भी नष्ट किया, जो शायद AWC था। यह 300 किलोमीटर की दूरी से किया गया अब तक का सबसे बड़ा सतह से हवा में मार करने वाला हमला है।”
गौरतलब है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ 7 मई को शुरू हुआ था, जब भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए। इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया। यह कार्रवाई पहलगाम हमले के जवाब में थी। जवाब में पाकिस्तान ने सीमा पार से गोलीबारी और ड्रोन हमले किए। भारत ने इसके बाद और आक्रामक रुख अपनाया और पाकिस्तान के 11 हवाई ठिकानों, जिनमें नूर खान हवाई अड्डा भी शामिल था, पर रडार सुविधाएं, संचार केंद्र और हवाई पट्टियों को नुकसान पहुंचाया। यह संघर्ष चार दिन तक चला। आखिरकार, पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक ने अपने भारतीय समकक्ष को फोन कर संघर्ष विराम की पेशकश की।
जनरल द्विवेदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को एक ऐसी रणनीति बताया, जिसमें भारत ने दुश्मन को उसकी ही भाषा में जवाब दिया। उन्होंने कहा, “यह जोखिम भरा था, लेकिन यही जिंदगी है। इस ऑपरेशन ने भारतीय सेनाओं की एकजुटता और रणनीतिक कौशल को दुनिया के सामने पेश किया।”