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इस साल जमकर बरसेंगे मॉनसून के बादल, बढ़ेगा खरीफ फसलों का उत्पादन; IMD ने बताया कहां होगी कम बारिश

जून से सितंबर की अव​धि में की बारिश के लिए एलपीए 87 सेंटीमीटर है और इसके लिए 106 फीसदी के पूर्वानुमान का मतलब साफ है कि मॉनसून सामान्य से बेहतर रहेगा।

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संजीब मुखर्जी   
Last Updated- April 15, 2024 | 10:28 PM IST

Monsoon Season Updates 2024: मौसम विभाग ने इस साल मॉनसून के सामान्य से बेहतर रहने की भविष्यवाणी की है। इससे महंगाई के ​खिलाफ जंग में सरकार को कुछ राहत मिल सकती है। विभाग ने कहा है कि 2024 में मॉनसून करीब 106 फीसदी लंबी अव​धि के औसत (एलपीए) के साथ सामान्य से बेहतर रहने का अनुमान है।

मौसम विभाग की इस भविष्यवाणी से इस साल मॉनसून के बारे में अ​धिकतर मौसम विशेषज्ञों के बीच आम सहमति दिखती है। पिछले सप्ताह मौसम पूर्वानुमान जारी करने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट ने भी कहा था कि इस साल देश भर में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 102 फीसदी एलपीए के साथ ‘सामान्य’ रह सकता है।

जून से सितंबर की अव​धि में की बारिश के लिए एलपीए 87 सेंटीमीटर है और इसके लिए 106 फीसदी के पूर्वानुमान का मतलब साफ है कि मॉनसून सामान्य से बेहतर रहेगा। आम तौर पर 96 से 104 फीसदी एलपीए के साथ बारिश को सामान्य माना जाता है। यह पूर्वानुमान 5 फीसदी घटबढ़ की मॉडल त्रुटि के साथ जारी किया गया है।

विभाग ने कहा है कि जून में मॉनसून का मौसम शुरू होने तक अल नीनो के तटस्थ रहने की उम्मीद है। उसके बाद धीरे-धीरे वह ला नीना की ओर रुख करेगा जो एक सकारात्मक हिंद महासागर डाइपोल (आईओडी) है। मौसम विभाग ने कहा है कि इन सब कारकों से इस साल मॉनसून अच्छा रहने का अनुमान है।

साल 2023 में अल नीनो के प्रभाव के कारण दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सामान्य से कमजोर रहा था। उससे पहले चार वर्षों के दौरान मॉनसून सामान्य रहा था।

मौसम विभाग ने कहा कि इस साल देश के 75 से 80 फीसदी भूभाग में मॉनसून के सामान्य रहने की उम्मीद है। जबकि पश्चिमोत्तर के कुछ चरम इलाकों (जम्मू-कश्मीर एवं उत्तराखंड के पहाड़ी इलाके) और पूर्व एवं पूर्वोत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों (असम, ओडिशा एवं पश्चिम बंगाल के गंगा के तटवर्ती इलाके) में मॉनसूनी बारिश सामान्य से कम हो सकती है।

मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने आज संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘ऐसा आम तौर पर सामान्य से बेहतर मॉनसून वाले वर्षों में दिखता है जब पूर्वी एवं पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में बारिश सामान्य से कम होती है।’

मौसम विभाग ने कहा कि 31 फीसदी संभावना है कि इस साल दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की बारिश सामान्य से बेहतर रहेगी, 30 फीसदी संभावना है कि बारिश अत्य​धिक होगी, 29 फीसदी संभावना है कि बारिश सामान्य रहेगी और महज 2 फीसदी संभावना है कि बारिश सामान्य से कम रहेगी।

महापात्र ने कहा, ‘संक्षेप कहा जाए तो 2024 में मॉनसून के सामान्य से बेहतर अथवा अत्यधिक होने की 60 फीसदी से अधिक संभावना है और इसके सामान्य से कम अथवा कमजोर रहने संभावना काफी कम है।’

मॉनसून के दौरान देश भर में अच्छी बारिश होने से खरीफ कृषि उत्पादन बढ़ेगा और अगली रबी फसल के लिए खेतों में आवश्क नमी बनी रहेगी।

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘सामान्य मॉनसून की भविष्यवाणी हमारे लिए सकारात्मक है। मगर उसका आगमन और प्रगति काफी मायने रखता है क्योंकि उसका असर खरीफ की बोआई पर पड़ता है। मौजूदा भीषण गर्मी चुनौती बनी हुई है क्योंकि जलाशयों में जल स्तर काफी कम हो गया है। ऐसे में तत्काल मुद्रास्फीति बढ़ सकती है।’

First Published : April 15, 2024 | 10:28 PM IST