भारत का उद्देश्य आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के उभार के साथ कामकाज में आए तकनीकी अंतर को कम करना है। अगले सप्ताह एआई एक्शन समिट में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस में यात्रा के दौरान इसके समावेशी इस्तेमाल पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री की तीन दिवसीय यात्रा 10 फरवरी से शुरू हो रही है। इसके बाद वह दो दिन की यात्रा पर अमेरिका जाएंगे जहां नवनियुक्त राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के साथ द्विपक्षीय बैठक होगी।
विदेश सचिव मिस्री ने विशेष संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 11 फरवरी को पेरिस शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता संयुक्त रूप से प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों करेंगे, जिसमें एक साझा घोषणा पत्र जारी किया जाएगा। पिछले कुछ वर्षों में यह अपने तरह का तीसरा शिखर सम्मेलन है जिसमें अधिक टिकाऊ एआई के लिए वैज्ञानिक आधार तैयार करने, समाधान और नियम बनाने में शुरुआती वैश्विक सफलता हासिल करने पर आधारित है। मिस्री ने कहा, ‘भारत ऐसे एआई ऐप्लीकेशन को अपनाने में रुचि रखता है जो सुरक्षित, मानवीय, जिम्मेदार और भरोसेमंद तरीके से डिजाइन, विकसित और उपयोग किए जाते हों। एआई एप्लीकेशन, समावेशी उपयोग और अपरिहार्य प्रौद्योगिकी अंतर से संबंधित कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जिन्हें हम रखेंगे। हमारा प्रयास हरसंभव प्रौद्योगिकी अंतर को कम से कम करने का है।’
दोनों नेता भारत-फ्रांस सीईओ फोरम को भी संबोधित करेंगे जिसमें प्रौद्योगिकी क्षेत्र के दिग्गज शामिल होंगे। साथ द्विपक्षीय बैठकें भी होंगी। इसके बाद 12 फरवरी को मोदी प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों के सम्मान में फ्रांस में बने स्मारक पर भी जाएंगे। वह मार्सिले में भारत के नए वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन भी करेंगे। मार्सिले फ्रांस का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। प्रधानमंत्री दक्षिण फ्रांस में स्थित इंटरनैशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर का दौरा भी करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी 12 और 13 फरवरी को अमेरिका की यात्रा पर रहेंगे जहां वह कई द्विपक्षीय बैठकों में हिस्सा लेंगे। अंत में एक संयुक्त वक्तव्य भी जारी किया जाएगा। बैठक व्यापार और टैरिफ पर केंद्रित रहेगी। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के कनाडा और मेक्सिको से आयात होने वाली वस्तुओं पर 25 प्रतिशत और चीन के आयात पर 10 प्रतिशत टैरिफ लगा देने के बाद उभरने वाले हालात को भारत भांप रहा है। मिस्री ने कहा कि अमेरिकी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के प्रधानमंत्री से मिलने की संभावना है। मोदी भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्यों से भी मिलेंगे।
मिस्री ने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने भारतीय मानकर कुल 487 लोगों को निर्वासन का अंतिम आदेश जारी किया है, जो वहां अवैध रूप से रह रहे हैं। भारत उनकी पहचान सुनिश्चित करने के लिए सूची की जांच कर रहा है। अमेरिका ने पहचान सुनिश्चित करते हुए 298 लोगों की सूची साझा की है।
मिस्री ने कहा, ‘अमेरिकी सैन्य विमान से बीते बुधवार को 104 भारतीय नागरिकों को भारत लाया गया था। हमने भारत भेजे जाने वाले अवैध प्रवासियों की विस्तृत जानकारी मांगी है। हमें बताया गया है कि वहां 487 ऐसे लोग हैं, जिन्हें भारतीय माना गया है और उन्हें निर्वासन का आदेश दिया गया है। इनमें से 298 लोगों की सूची साझा की गई जिसकी हम जांच रहे हैं।’
मंत्रालय ने इस बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की है कि आने वाले दिनों में अमेरिका से और कितनी उड़ानें आएंगी या ऐसे कितने भारतीय हैं जिन्हें अमेरिका से जबरदस्ती निर्वासन का सामना करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि अभी इस बारे में सही-सही आंकड़ा बताना तो मुश्किल है, लेकिन यदि अवैध रूप से अमेरिका में रहने वाले भारतीयों की संख्या बढ़ी तो अधिक उड़ानें आएंगी।
अक्टूबर 2023 से सितंबर 2024 के बीच अमेरिकी अधिकारियों ने अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश करते हुए 90,415 भारतीयों को गिरफ्तार किया था। उस साल 1,100 भारतीयों को अमेरिका से वापस भेजा गया था।
भारतीयों को हथकड़ी लगाकर वापस भेजने पर उठे विवाद के बारे में मिस्री ने कहा कि इस मामले में अमेरिका द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया का पालन किया जाता है। यह नियम वहां साल 2012 से लागू है।