महाराष्ट्र

Dharavi Redevelopment Plan: अब स्मार्ट सिटी बनेगा धारावी, ₹95790 करोड़ की योजना से बदलेगी तस्वीर; मास्टर प्लान को मंजूरी

धारावी का कुल क्षेत्रफल 253 हेक्टेयर है। 174 हेक्टेयर का पुनर्विकास किया जाएगा। यह प्रकल्प झोपड़पट्टी पुनर्वसन प्राधिकरण और धारावी पुनर्विकास प्रकल्प के जरिए पूरा किया जाएगा।

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सुशील मिश्र   
Last Updated- May 30, 2025 | 3:49 PM IST

Dharavi redevelopment project: मुंबई के बीचों-बीच बसे धारावी इलाके के बड़े बदलाव का रास्ता साफ हो गया है। महाराष्ट्र सरकार ने धारावी पुनर्विकास परियोजना के मास्टर प्लान को मंजूरी दे दी। धारावी का पुनर्विकास अदाणी समूह (Adani Group) और महाराष्ट्र सरकार के बीच एक संयुक्त उद्यम के तहत स्थापित एक विशेष उद्देश्यीय इकाई के माध्यम से किया जाएगा।

95,790 करोड़ रुपये की इस महत्वाकांक्षी परियोजना में अदाणी समूह की 80 फीसदी और राज्य सरकार की 20 फीसदी हिस्सेदारी है। यह केवल आवासीय परियोजना नहीं होगी, बल्कि धारावी वासियों के जीवन शैली में आमूलचूल परिवर्तन लाने का माध्यम बनेगी ।

धारावी: स्थानीय कारीगरों और कारोबारों को प्राथमिकता

परियोजना की समीक्षा बैठक में धारावी पुनर्विकास परियोजना के मास्टर प्लान को मंजूरी देने के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि धारावी देश के सबसे विशिष्ट औद्योगिक समूहों में से एक है और एक महत्वपूर्ण आर्थिक केंद्र भी है। यहां का व्यावसायिक ढांचा और स्थानीय कारीगरों का कौशल अत्यंत मूल्यवान है, जिसे संरक्षित रखते हुए पुनर्विकास की प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। धारावी के प्रत्येक मूल निवासी को मकान देना सरकार का लक्ष्य है। पुनर्विकास में कोई भी स्थानीय नागरिक वंचित नहीं रहना चाहिए और सबके पुनर्वसन को सुनिश्चित करने के लिए पात्रता के स्पष्ट मापदंड तय किए जाएंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि धारावी की मूल पहचान और व्यावसायिक संस्कृति को बनाए रखते हुए विकास किया जाना चाहिए।

आर्थिक सशक्तिकरण का प्रतीक बनेगी धारावी

उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी के रूप में धारावी की पहचान को मिटाकर उसे सामाजिक न्याय और आर्थिक सशक्तिकरण का प्रतीक बनाया जाएगा, इस दिशा में सभी संबंधित यंत्रणाएं समन्वय से काम कर रही हैं और जो भी अड़चन हैं उन्हें दूर करने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। इस परियोजना से धारावी वासियों को सिर्फ पक्का घर ही नहीं मिलेगा, बल्कि उन्हें नई जीवनशैली में जीने का अवसर मिलेगा। यह परियोजना केवल आधारभूत सुविधाओं तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसमें रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक समरसता का समावेश होगा। यह स्मार्ट मुंबई की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।

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धारावी में मल्टी-मॉडल ट्रांजिट हब विकसित किया जाएगा, जिसे मेट्रो लाइन 11 से जोड़ा जाएगा। परियोजना में 108.99 हेक्टेयर भूमि का विकास किया जाएगा और स्मार्ट और चलने योग्य शहर की संकल्पना को साकार किया जाएगा। नगर नियोजन इस प्रकार किया जाएगा कि हर नागरिक सुविधा 5, 10 या 15 मिनट के भीतर सुलभ हो।

परियोजना का दायरा और लाभ

धारावी का कुल क्षेत्रफल 253 हेक्टेयर है, जिसमें से 174 हेक्टेयर क्षेत्र का पुनर्विकास किया जाएगा। यह प्रकल्प झोपड़पट्टी पुनर्वसन प्राधिकरण (SRA) और धारावी पुनर्विकास प्रकल्प के माध्यम से पूरा किया जाएगा। इसको विकसित करने के लिए नवभारत मेगा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी बनाई गई है, जिसमें अदानी प्रॉपर्टीज और राज्य सरकार की साझेदारी है। सरकार के प्रेजेंटेशन में 2.5 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र के लिए ग्रीन स्पाइन बनाने की बात कही गई है। इसके साथ ही एक सेंट्रल पार्क, वाटरफ्रंट और म्यूजियम भी बनाने की योजना है। एक मल्टी-मॉडल ट्रांजिट हब और मिश्रित-उपयोग वाले पड़ोस भी बनाए जाएंगे। इनसे कारीगरों की पारंपरिक आजीविका और ऊंची इमारतों में घरों को सहारा मिलेगा।

पांच नए एंट्री पॉइंट

धारावी को बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स, सायन और माहिम से जोड़ने के लिए पांच नए एंट्री पॉइंट प्रस्तावित किए गए हैं। कुल पुनर्वास लागत 95,790 करोड़ रुपये अनुमानित है। इसमें 49,832 आवासीय पुनर्वास यूनिट्स, 8700 आवासीय नवीनीकरण इकाइयां, 12,458 वाणिज्यिक और औद्योगिक पुनर्वास इकाइयां और 1010 वाणिज्यिक नवीनीकरण इकाइयां शामिल हैं। बिक्री का हिस्सा 120 एकड़ में फैला होगा। लगभग 6 लाख नागरिकों को इसका लाभ मिलेगा। साथ ही, इस परियोजना में 38,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में शैक्षणिक संस्थाएं, स्वास्थ्य केंद्र, पुलिस स्टेशन, अग्निशमन केंद्र, बाजार और पुस्तकालय जैसी सुविधाएं भी बनाई जाएंगी।

सभी धर्मों का सम्मान और तकनीकी पारदर्शिता

धारावी में 296 धार्मिक स्थल जैसे मस्जिद, मंदिर, दरगाह और चर्च स्थित हैं। इनके पुनर्वसन के लिए पूर्व मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। सभी निर्णय धारावी वासियों के सुझावों और कानून के अनुरूप लिए जाएंगे। परियोजना में डिजिटल ट्विन टेक्नोलॉजी और टेनेट मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग होगा, जिससे पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित होगी। ड्रोन और लिडार तकनीक से घर-घर सर्वेक्षण किया गया है, और अब तक 79,455 घरों का सर्वेक्षण पूरा हो चुका है। दस्तावेजीकरण की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।

First Published : May 30, 2025 | 3:17 PM IST