मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (MPUVNL) के प्रबंधन संचालक अमनवीर सिंह बैंस | फाइल फोटो
मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (MPUVNL) के प्रबंधन संचालक अमनवीर सिंह बैंस ने मंगलवार को मध्य प्रदेश में ‘पीएम सूर्य घर’ योजना के प्रदर्शन की जानकारी दी। पब्लिक थिंक टैंक काउंसिल ऑन एनर्जी, एन्वॉयरन्मेंट ऐंड वॉटर (CEEW) के साथ आयोजित एक मीडिया कार्यशाला में बैंस ने कहा कि रूफ टॉप सोलर प्लांट लगाने में उपभोक्ता जितनी राशि व्यय करते हैं, उसकी लागत 5 से 6 सालों में निकल आती है और उसके संयंत्र जब तक काम करता है, उन्हें लगभग मुफ्त बिजली मिलती है।
उन्होंने बताया कि फिलहाल प्रदेश में 850 से अधिक वेंडर इस योजना के तहत काम कर रहे हैं और योजना के तहत आने वाले कुल आवेदनों में से करीब 65 फीसदी का सफल क्रियान्वयन हो रहा है। उन्होंने कहा कि अब तक मिले 70,000 से अधिक आवेदनों में से करीब 45,000 घरों में सोलर सिस्टम लगाने में कामयाबी मिली है। बैंस ने कहा कि सौर ऊर्जा को अपनाकर उपभोक्ता न केवल अपना बिजली बिल कम कर रहे हैं बल्कि वे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी योगदान दे रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश नवीकरणीय ऊर्जा नीति 2025 के तहत प्रदेश 2030 तक कुल बिजली खपत में नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 50 फीसदी करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। उस समय तक नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में 50,000 रोजगार तैयार करने का भी लक्ष्य है।
बता दें कि पीएम सूर्य घर योजना के तहत 3 किलोवाट तक का रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाने पर शासन द्वारा अधिकतम 78 हजार रुपये की सब्सिडी का लाभ उपभोक्ताओं को दिया जा रहा है। शुरुआती 2 किलोवाट के लिए क्रमश: 30-30 हजार रुपये और तीसरे किलोवाट के लिए 18,000 रुपये की सब्सिडी दी जा रही है। बैंस ने कार्यशाला में सौर ऊर्जा को लेकर सरकार के विजन, प्रदेश की सौर ऊर्जा नीति, पीएम सूर्य घर पोर्टल पर आवेदन की प्रक्रिया और प्रदेश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने में MPUVNL की भूमिका पर प्रकाश डाला।