मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़

मप्र में स्थानीय युवा करेंगे खेतों का सर्वे

केंद्र सरकार के निर्देश के तहत यह योजना प्रदेश के नीमच और सिवनी जिले में पायलट परियोजना के तौर पर लागू की गई है।

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संदीप कुमार   
Last Updated- July 22, 2023 | 2:20 PM IST

मध्य प्रदेश सरकार खेतों के रकबे और बोई गई फसल का सर्वे करने और उसका रिकॉर्ड रखने के लिए पटवारियों के स्थान पर स्थानीय युवाओं को काम पर रखेगी। केंद्र सरकार के निर्देश के तहत यह योजना प्रदेश के नीमच और सिवनी जिले में पायलट परियोजना के तौर पर लागू की गई है।

इसके तहत पटवारियों के बजाय स्थानीय ग्रामीण युवा खेतों में फसल बोआई, उसके रकबे और प्रकार का सर्वेक्षण करेंगे। इस सर्वेक्षण की तस्वीरों को स्मार्ट ऐप्लीकेशन फॉर रेवेन्यू एडमिनिस्ट्रेशन (सारा) ऐप पर दर्ज किया जाएगा और पटवारी इसे प्रमाणित करेंगे। इस तरह के सर्वेक्षण वर्ष में तीन बार किए जाएंगे तथा इस दौरान एकत्रित जानकारी का इस्तेमाल सरकारी फसल खरीद, फसल बीमा, बोआई और वास्तविक उपज का रिकॉर्ड रखने तथा अन्य कृषि संबंधी योजनाओं में किया जाएगा।

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भू-अभिलेख विभाग के आयुक्त इस विषय में बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘केंद्र सरकार की योजना के मुताबिक सिवनी और नीमच जिलों को गिरदावरी की पायलट परियोजना में शामिल किया गया है। इस दौरान गांव के किसी सक्षम व्यक्ति को सर्वेयर बनाया जाएगा जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार तैयार होगा। चूंकि सारी जानकारी ऐप पर ऑनलाइन अपलोड होगी इसलिए किसी तरह की धोखाधड़ी की गुंजाइश नहीं रहेगी।’

हरदा जिले के किसान रामेश्वर गुर्जर कहते हैं कि पटवारी अक्सर बिना सर्वेक्षण किए ही गिरदावरी की जानकारी भर देते हैं जिससे किसानों को नुकसान होता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि एक बार प्रक्रिया के ऑनलाइन हो जाने से किसानों की दिक्कतें खत्म हो जाएंगी।

अगर यह पायलट परियोजना सफल रही तो इसे प्रदेश के सभी 52 जिलों के 53,000 गांवों में लागू किया जाएगा और करीब 80 लाख किसानों के खेतों के आंकड़े ऑनलाइन उपलब्ध होंगे।

First Published : July 22, 2023 | 1:31 PM IST