प्रतीकात्मक तस्वीर
Pilibhit Tiger Reserve: वन्यजीव पर्यटन के नक्शे पर तेजी से लोकप्रिय हो रहे उत्तर प्रदेश के पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बड़ी तादाद में स्थानीय युवाओं को रोजगार मिल रहा है। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक पीलीभीत टाइगर रिजर्व में ईको डेवलपमेंट कमेटी (ईडीसी) के जरिए न केवल ईको टूरिज्म को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए मौके भी मिल रहे हैं। टाइगर रिजर्व फाउंडेशन की ओर से पीलीभीत के चूका(सेल्हा), बराही और चौका खेड़ा में 8 ईडीसी का संचालन हो रहा है, जो स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित कर टूरिस्ट गाइड, कैंटीन संचालन के साथ स्थानीय गांवों में सड़क निर्माण, सोलर लाइट, तालाबों का निर्माण जैसे विकास कार्य भी करवा रही है।
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टाइगर रिजर्व फाउंडेशन की मदद से चल रही ईडीसी, प्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ स्थानीय युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और विकास कार्य में भी योगदान दे रही हैं। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के आसपास के गांवों, जैसे चूका (सेल्हा), बराही, और चौंका खेड़ा में वर्तमान में लगभग 8 ईडीसी संचालित हैं। ये कमेटियां स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें टूरिस्ट गाइड, कैंटीन संचालन, और जागरूकता अभियानों जैसे कार्यों से जोड़ रही हैं। इसके अतिरिक्त, ये समितियां टाइगर रिजर्व के आसपास के गांवों में सड़क निर्माण, खड़ंजा, सोलर लाइट और जलाशय निर्माण जैसी बुनियादी सुविधाओं के विकास में भी योगदान दे रही हैं। ईडीसी द्वारा किये जा रहे ये कार्य स्थानीय समुदाय के लोगों को शामिल कर समावेशी विकास की अवधारणा को सही साबित कर रही है।
प्रवक्ता ने बताया कि टाइगर रिजर्व फाउंडेशन की ओर से हर ईडीसी को प्रति वर्ष लगभग एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस सहायता के माध्यम से कमेटियां अपनी गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालित करती हैं और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित करती हैं। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के आसपास संचालित इन ने प्रतिवर्ष 6 से 10 लाख रुपये की आय अर्जित की है। इस आय का उपयोग न केवल कमेटी के संचालन में, बल्कि स्थानीय गांवों के विकास कार्यों में भी किया है। सड़कों का निर्माण, सोलर लाइट की स्थापना, और जलाशयों जैसे कार्यों ने ग्रामीणों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। साथ ये ईडीसी स्थानीय समुदाय के लोगों और टूरिस्टों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने का कार्य भी कर रहे हैं। प्रवक्ता ने बताया कि भविष्य में वन विहारों और टाइगर रिजर्व के पास ऐसी कमेटियों के विस्तार से क्षेत्र में और अधिक रोजगार और विकास के अवसर सृजित होने की उम्मीद है।