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जम्मू-कश्मीर में लीथियम क्षेत्र की नए सिरे से होगी खोज, 59 लाख टन की नीलामी हो चुकी है विफल

Lithium auction: अब मंत्रालय की योजना पुन: अन्वेषण को छह महीने में पूरी करने की है। उन्हें उम्मीद है कि इस नीलामी में लोग ज्यादा रुचि लेंगे।

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नितिन कुमार   
Last Updated- October 17, 2024 | 11:14 PM IST

खनन मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में 59 लाख टन लीथियम की नीलामी विफल होने के प्रयास के बाद भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) को राज्य के रियासी जिले में लिथियम संसाधन वाले क्षेत्र की फिर से खोज करने का निर्देश दिया है। इसका उद्देश्य लीथियम, टाइटेनियम और बॉक्साइट (एल्युमिनस लेटराइट) के सलाल-हैमना ब्लॉक को फिर से नीलामी के लिए रखने से पहले कम से कम जी2 स्तर का अन्वेषण करना है।

जी3 स्तर के खनन के लिए पिछली नीलामी 29 नवंबर, 2023 को खुली थी। इसके वित्तीय नीलामी दौर को पूरा करने के लिए जरूरी कम से कम तीन बोलीकर्ता नहीं मिले जिसके कारण नीलामी निरस्त हो गई थी। दूसरे प्रयास में भी सफलता नहीं मिली जिसमें सिर्फ एक बोलीकर्ता को भी ब्लॉक आवंटित किया जा सकता है।

इस उद्योग के दिग्गज खनन के अपर्याप्त आंकड़ों के कारण खनन में हिस्सेदारी लेने को लेकर उत्साहित नहीं थे। अब मंत्रालय की योजना पुन: अन्वेषण को छह महीने में पूरी करने की है। उन्हें उम्मीद है कि इस नीलामी में लोग ज्यादा रुचि लेंगे।

अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘जीएसआई ने इस क्षेत्र में फिर अन्वेषण के लिए कहा है। हम इस ब्लॉक को फिर छह महीने में नीलामी के लिए पेश करने की योजना बना रहे हैं।’ इस बारे में खनन मंत्रालय को सवाल भेजा गया था लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।

अन्य अधिकारी ने बताया कि जीएसटी के अन्वेषण के प्रयास के परिणामों पर निर्भर करेगा कि इस ब्लॉक को फिर से समग्र लाइसेंस या खनन पट्टे के लिए पेश किया जाए।

संसाधनों के वर्गीकरण के लिए संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क के अनुसार, खनिज अन्वेषण को चार चरणों में विभाजित किया गया है: जी4 (टोही), जी3 (पूर्वेक्षण), जी2 (सामान्य अन्वेषण) और जी1 (विस्तृत अन्वेषण)।

First Published : October 17, 2024 | 11:14 PM IST