प्रतीकात्मक तस्वीर
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार की सुबह आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से एनवीएस-02 को ले जाने वाले जीएसएलवी-एफ15 यान का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण पूरा कर इतिहास रच दिया। यह श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से 100वां रॉकेट मिशन था।
इसरो की इस उपलब्धि पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, ‘इस ऐतिहासिक उपलब्धि के दौरान अंतरिक्ष विभाग के साथ जुड़े रहना सौभाग्य की बात है। टीम इसरो, आपने जीएसएलवी-एफ-15/एनवीएस-02 मिशन के सफल प्रक्षेपण के साथ एक बार फिर हमें गौरवान्वित किया है।’
इसरो के चेयरमैन वी नारायणन ने कहा, ‘यह 2025 में इसरो का पहला मिशन था। उपग्रह को आवश्यक (जीटीओ) कक्षा में सटीकता से स्थापित किया गया। यह मिशन 100वां प्रक्षेपण है जो एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है।’ नारायणन इस साल 14 जनवरी को ही इसरो के चेयरमैन बने हैं और इससे पहले वह लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (एलपीएससी) के निदेशक थे।
27 घंटे की उल्टी गिनती के बाद प्रक्षेपण शुरू किया गया और श्रीहरिकोटा के दूसरे लॉन्च पैड से सुबह 6.23 बजे यह 50.9 मीटर लंबा रॉकेट प्रक्षेपित किया गया। यान ने लगभग 19 मिनट की यात्रा के बाद अपने पेलोड- एनवीएस-02 नेविगेशन उपग्रह को वांछित भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया। इससे पहले 29 मई, 2023 को जीएसएलवी-एफ12 मिशन के तहत नेविगेशन उपग्रह एनवीएस-01 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया था।
इसरो ने कहा कि एनवीएस-02 उपग्रह स्थलीय, हवाई और समुद्री नेविगेशन, कृषि संबंधी सटीक जानकारी देने, बेड़ा प्रबंधन, मोबाइल उपकरणों में स्थान आधारित सेवाएं देने, उपग्रहों के लिए कक्षा निर्धारण, ‘इंटरनेट-ऑफ-थिंग्स’ आधारित ऐप्लीकेशन और आपातकालीन सेवाओं में सहयोग करेगा। एनवीएस-2 को यूआर राव उपग्रह केंद्र ने डिजाइन और विकसित किया है।