वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि नवाचार और अनुसंधान भारत को आगे ले जाएंगे। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि किस प्रकार सभी विकसित देशों ने इसे प्राथमिकता दी और इसका लाभ उठाया है।
गोयल ने बुधवार को बौद्धिक संपदा कार्यालय के नव विस्तारित अंतरराष्ट्रीय खोज प्राधिकरण भवन में कहा, ‘दुनिया पर नजर डालें तो सभी विकसित देशों में एक बात समान है, वे नवाचार और शोध एवं विकास को प्राथमिकता देते हैं। इसी वजह से वे आगे बढ़े हैं। मेहनत तो हर जगह होती है लेकिन जब मेहनत के साथ नवाचार जुड़ जाता है तो स्वाभाविक रूप से परिणाम बेहतर होते हैं।
गोयल ने जोर देकर कहा कि बौद्धिक संपदा पारिस्थितिकी तंत्र को अब दुनिया भर में विकास के एक प्रमुख प्रवर्तक के रूप में मान्यता मिल रही है। यदि सभी हितधारक अपने कर्तव्यों का प्रभावी ढंग से पालन करें तो यह संस्थान 2047 तक विकसित भारत की ओर देश की यात्रा का केंद्र बन जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘चाहे वह पेटेंट, डिजाइन या कॉपीराइट हो, बौद्धिक संपदा का पूरा पारिस्थितिकी तंत्र देश के लिए महत्त्वपूर्ण है और दुनिया इसकी महत्ता को समझती है। मुझे उम्मीद है कि आप सभी यह समझेंगे कि देश के विकास के लिए आपका काम कितना ज़रूरी है। जिस दक्षता, प्रभावशीलता और ईमानदारी के साथ आप अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं उसका सीधा असर भारत की विकास यात्रा पर पड़ता है।’