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अन्य देशों से ज्यादा भारत की महिलाएं लेती हैं तनाव

Last Updated- April 28, 2023 | 10:38 PM IST
80 percent of professional women said they are getting equal opportunities as men at work place: Survey
BS

डेलॉयट इंडिया की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि 53 फीसदी कामकाजी भारतीय महिलाओं ने वित्त वर्ष 2022 की तुलना में वित्त वर्ष 2023 में अधिक तनाव झेला है। यह अन्य देशों की महिलाओं की तुलना में भी सर्वाधिक है। दुनिया भर में 51 फीसदी महिलाओं ने इस अवधि में तनाव का सामना किया है।

गुरुवार को जारी वीमन ऐट वर्क : ए ग्लोबल आउटलुक रिपोर्ट के अनुसार नौकरी करने वाली 31 फीसदी भारतीय महिलाओं ने बताया कि वे तनाव में थी। तनाव में रहने वाली महिलाओं का वैश्विक औसत 28 फीसदी है।

हालांकि, यह वित्त वर्ष 2022 के 46 फीसदी की तुलना में काफी कम है।
इसमें यह भी कहा गया है कि वैश्विक औसत (40 फीसदी) की तुलना में भारत में कम महिलाएं (38 फीसदी) अपने नियोक्ताओं से पर्याप्त मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्राप्त करती हैं।

यह रिपोर्ट दस देशों में 5,000 महिलाओं के सर्वेक्षण पर आधारित थीं। इसमें भारत में 500 महिलाएं विभिन्न आयु समूहों, रोजगार की स्थिति, क्षेत्रों और वरिष्ठता की थीं।

वैश्विक रुझानों के अनुरूप, भारतीय महिलाओं को वित्त वर्ष 2022 की तुलना में वित्त वर्ष 2023 में कम गैर-समावेशी व्यवहार का सामना करना पड़ा। इनमें बैठकों में बाधा डालना, अनौपचारिक बातचीत से उन्हें बाहर रखा जाना और अन्य बातों के अलावा किसी को अपने काम का श्रेय लेना शामिल है।

First Published - April 28, 2023 | 10:38 PM IST

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