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2025 तक 1.46 अरब जनसंख्या के साथ भारत सबसे बड़ी आबादी वाला देश, पर घटती प्रजनन दर चिंता का कारण

UNFPA की रिपोर्ट के अनुसार भारत की जनसंख्या 2025 तक 1.46 अरब हो जाएगी, लेकिन प्रजनन दर गिरकर 1.9 पर पहुंच गई है, जो प्रतिस्थापन स्तर से नीचे है।

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भाषा   
Last Updated- June 10, 2025 | 10:58 PM IST

भारत की जनसंख्या 2025 के अंत तक 1.46 अरब पहुंचने का अनुमान है। दुनिया के किसी भी देश में यह सर्वाधिक आबादी है। संयुक्त राष्ट्र की नई जनसांख्यिकी रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि देश की कुल प्रजनन दर प्रतिस्थापन दर से नीचे आ गई है। ‘वास्तविक प्रजनन संकट’ शीर्षक वाली यूएनएफपीए की ‘विश्व जनसंख्या स्थिति (एसओडब्लूपी) रिपोर्ट 2025’ में घटती प्रजनन क्षमता से घबराने के बजाय अपूर्ण प्रजनन लक्ष्यों पर ध्यान देने का आह्वान किया गया है।

इसमें कहा गया है कि लाखों लोग अपने वास्तविक प्रजनन लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्षम नहीं हैं। रिपोर्ट के अनुसार, कम जनसंख्या या अधिक जनसंख्या के बजाय वास्तविक संकट यही है। इसका उत्तर बेहतर प्रजनन क्षमता में निहित है यानी किसी व्यक्ति की संभोग, गर्भनिरोधक और परिवार शुरू करने के बारे में निर्णय लेने की क्षमता।

रिपोर्ट में जनसंख्या संरचना, प्रजनन क्षमता और जीवन प्रत्याशा में महत्त्वपूर्ण बदलावों पर भी प्रकाश डाला गया है, जो एक बड़े जनसांख्यिकीय परिवर्तन का संकेत है। रिपोर्ट में पाया गया कि भारत की कुल प्रजनन दर घटकर प्रति महिला 1.9 जन्म रह गई है, जो प्रतिस्थापन स्तर 2.1 से नीचे है। इसका अर्थ यह है कि औसतन भारतीय महिलाएं एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक जनसंख्या का आकार बनाए रखने के लिए आवश्यक संख्या से कम बच्चे पैदा कर रही हैं।

जन्म दर में कमी के बावजूद देश की युवा जनसंख्या अब भी महत्त्वपूर्ण स्तर पर बनी हुई है, जिसमें 0-14 आयु वर्ग में 24 प्रतिशत, 10-19 आयु वर्ग में 17 प्रतिशत तथा 10-24 आयु वर्ग में 26 प्रतिशत युवा हैं। देश की 68 प्रतिशत जनसंख्या कामकाजी आयु (15-64) वाली है, जो पर्याप्त रोजगार और नीतिगत समर्थन के साथ संभावित जनसांख्यिकीय लाभांश प्रदान करती है। इसी तरह 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की संख्या 7 प्रतिशत है।

जीवन प्रत्याशा में सुधार के साथ आने वाले दशकों में इस आयु वर्ग के लोगों की जनसंख्या भी बढ़ने की संभावना है। संयुक्त राष्ट्र के अनुमानों के मुताबिक अब से लगभग 40 वर्षों के बाद देश की जनसंख्या में गिरावट शुरू होगी, तब तक यह आंकड़ा 1.7 अरब तक पहुंचने का अनुमान है। रिपोर्ट में भारत को मध्यम आय वाले देशों के समूह में रखा गया है, जो तेजी से जनसांख्यिकीय परिवर्तन से गुजर रहे हैं, जहां जनसंख्या दोगुनी होने में अब 79 वर्ष का समय लगने का अनुमान है। यूएनएफपीए की भारत प्रतिनिधि एंड्रिया एम वोज्नर ने कहा, ‘भारत ने प्रजनन दर कम करने में महत्त्वपूर्ण प्रगति की है। 

First Published : June 10, 2025 | 10:19 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)