facebookmetapixel
IRDAI की नजर स्वास्थ्य बीमा के दावों पर, निपटान राशि में अंतर पर चिंताPNB, केनरा और इंडियन बैंक भी करेंगे बॉन्ड मार्केट में प्रवेश, धन जुटाने की तैयारीजीएसटी सुधार से FY26 में भारत की GDP ग्रोथ 7.4% तक पहुंचेगी: NIPFPबैंकिंग घोटाले के बाद IndusInd Bank का सख्त फैसला, वेतन व बोनस रिकवर की प्रक्रिया शुरूStocks To Watch Today: Tata Motors, JSW Energy से लेकर Tata Power तक, आज किस कंपनी के स्टॉक्स में दिखेगा एक्शन; चेक करें लिस्टसरकार की कर वसूली में तेजी, लेकिन रिफंड जारी करने में सुस्तीदूसरे चरण के लोन पर कम प्रावधान चाहें बैंक, RBI ने न्यूनतम सीमा 5 फीसदी निर्धारित कीभारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर जल्द सहमति की उम्मीद, ट्रंप बोले—‘हम बहुत करीब हैं’बीईई के कदम पर असहमति जताने वालों की आलोचना, मारुति सुजूकी चेयरमैन का SIAM के अधिकांश सदस्यों पर निशानाइक्जिगो बना रहा एआई-फर्स्ट प्लेटफॉर्म, महानगरों के बाहर के यात्रियों की यात्रा जरूरतों को करेगा पूरा

2030 तक Renewable energy को तीन गुना करने की राह पर भारत, लेकिन काफी फंड की होगी जरूरत होगी: रिपोर्ट

भारत को 2030 तक अपनी करीब 32 प्रतिशत बिजली सौर ऊर्जा से और 12 प्रतिशत पवन ऊर्जा से प्राप्त करनी होगी।

Last Updated- November 29, 2023 | 12:36 PM IST
Green Energy

वैश्विक ऊर्जा थिंक टैंक ‘एम्बर’ द्वारा बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की 14वीं राष्ट्रीय विद्युत योजना (एनईपी) वर्ष 2030 तक अपनी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना से अधिक करने की राह पर है, लेकिन इसे हासिल करने के लिए देश को कुल 293 अरब डॉलर की जरूरत होगी। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने कहा है कि विश्व को जीवाश्म ईंधन की जरूरत कम करने और इस सदी के अंत तक वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए 2030 तक अपनी नवीकरणीय या अक्षय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना और ऊर्जा दक्षता को दोगुना करना होगा।

अमेरिका, यूरोपीय संघ (ईयू) और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के नेतृत्व में 60 से अधिक देश अब अक्षय ऊर्जा को तीन गुना करने और ऊर्जा दक्षता को दोगुना करने की प्रतिबद्धता का समर्थन कर रहे हैं। जी20 देशों ने भारत की अध्यक्षता में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना करने का समर्थन किया है, वहीं इस साल संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन की मेजबानी कर रहे यूएई ने सीओपी28 में इस पर वैश्विक सहमति की वकालत की है।

‘एम्बर’ के विश्लेषण में कहा गया है कि भारत को अपनी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का विस्तार करने और इसे आईईए के प्रस्तावित ‘नेट-जीरो’ दृष्टिकोण के अनुरूप करने के लिए 101 अरब डॉलर के अतिरिक्त वित्तपोषण की जरूरत होगी। आईईए के 2050 तक ‘नेट-जीरो’ उत्सर्जन के दृष्टिकोण में वर्ष 2050 तक कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन को ‘नेट-जीरो’ के स्तर पर पहुंचाने की वैश्विक रूपरेखा तैयार की गई है।

‘एम्बर’ की रिपोर्ट के अनुसार, भारत अक्षय ऊर्जा में महत्वपूर्ण वृद्धि की योजना बना रहा है जिससे अक्षय ऊर्जा क्षमता तीन गुना करने का लक्ष्य प्राप्त करना व्यवहार्य होगा। इसके अनुसार, भारत को 2030 तक अपनी करीब 32 प्रतिशत बिजली सौर ऊर्जा से और 12 प्रतिशत पवन ऊर्जा से प्राप्त करनी होगी। इसके लिए भारत को अपनी एनईपी14 योजना में निर्धारित लक्ष्यों में शीर्ष पर 2030 तक 115 गीगावाट सौर ऊर्जा और नौ गीगावाट पवन ऊर्जा की अतिरिक्त उत्पादन क्षमता हासिल करनी होगी। इससे 2030 तक भारत की कुल अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता बढ़कर 448 गीगावाट सौर ऊर्जा और 122 गीगावाट पवन ऊर्जा तक पहुंच जाएगी। भारत का वर्तमान लक्ष्य 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 500 गीगावॉट स्थापित बिजली क्षमता तक पहुंचना है।

First Published - November 29, 2023 | 12:36 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट