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कृषि क्षेत्र के लिए खुशखबरी! इस बार जून में होगी झमाझम बारिश, IMD ने मानसून को लेकर दी बड़ी अपडेट

जून से सितंबर तक पूरे मानसून सीजन में देश में 87 सेंटीमीटर की औसत बारिश की तुलना में 106 प्रतिशत बारिश होने की संभावना है।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- May 27, 2025 | 7:37 PM IST

IMD Monsoon Forecast 2025: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंगलवार को बताया कि जून में देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद है। इसके चलते जून में तापमान नियंत्रित रहने की संभावना है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम. रविचंद्रन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जून में पूरे देश में औसतन 166.9 मिलीमीटर की तुलना में 108 प्रतिशत से अधिक बारिश हो सकती है।

हालांकि, कुछ क्षेत्रों में बारिश सामान्य से कम रह सकती है। दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों और उत्तर-पश्चिमी तथा पूर्वोत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश की संभावना है। IMD के महानिदेशक मृत्युंजय मोहपात्रा ने बताया कि अच्छी बारिश के कारण देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य या उससे कम रहेगा। हालांकि, उत्तर-पश्चिम और पूर्वोत्तर भारत के कई क्षेत्रों में तापमान सामान्य से अधिक हो सकता है।

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मानसून का जल्दी आगमन, अच्छी बारिश की उम्मीद

IMD के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून 24 मई को केरल पहुंचा, जो 2009 के बाद सबसे जल्दी है। मुंबई में भी मानसून 11 जून के सामान्य समय से 16 दिन पहले पहुंच गया, जो 1950 के बाद सबसे जल्दी है। मानसून आमतौर पर 1 जून को केरल, 11 जून को मुंबई और 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर करता है। यह 17 सितंबर से उत्तर-पश्चिम भारत से वापसी शुरू करता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह लौट जाता है।

मोहपात्रा ने बताया कि जून से सितंबर तक पूरे मानसून सीजन में देश में 87 सेंटीमीटर की औसत बारिश की तुलना में 106 प्रतिशत बारिश होने की संभावना है। मध्य भारत और दक्षिणी प्रायद्वीपीय क्षेत्र में सामान्य से अधिक बारिश होगी, जबकि उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम बारिश हो सकती है। मानसून कोर जोन, जिसमें मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा जैसे कृषि-निर्भर क्षेत्र शामिल हैं, में 106 प्रतिशत से अधिक बारिश की उम्मीद है।

लद्दाख, हिमाचल प्रदेश के आसपास के क्षेत्र, पूर्वोत्तर राज्य, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश हो सकती है। पंजाब, हरियाणा, केरल और तमिलनाडु के कुछ अलग-अलग क्षेत्रों में भी बारिश कम रहने की संभावना है।

मानसून भारत की कृषि-निर्भर अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह फसलों के लिए पानी उपलब्ध कराता है, जलाशयों को भरता है और पेयजल तथा जलविद्युत उत्पादन में मदद करता है। देश की 42 प्रतिशत आबादी की आजीविका कृषि पर निर्भर है और यह अर्थव्यवस्था में 18.2 प्रतिशत का योगदान देती है। पिछले साल 2024 में देश में 934.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी, जो औसत का 108 प्रतिशत थी।

First Published : May 27, 2025 | 7:37 PM IST