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ट्रंप शुल्क की समीक्षा कर रहा भारत, राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए देश उठाएगा हर जरूरी कदम

भारत रूस के साथ अपने रक्षा संबंधों और कृषि तथा डेरी क्षेत्रों के हितों जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर अमेरिका के सामने नहीं झुकेगा।

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अर्चिस मोहन   
श्रेया नंदी   
Last Updated- July 31, 2025 | 11:33 PM IST

अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा 1 अगस्त से भारत से आने वाले सामान पर 25 फीसदी शुल्क और जुर्माना लगाने की घोषणा के एक दिन बाद आज शीर्ष सरकारी अधिकारियों ने आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श किया। इस बात पर व्यापक सहमति बनी कि इस चुनौती से निपटने के साथ-साथ व्हाइट हाउस के साथ बहु-स्तरीय बातचीत जारी रखी जाए।

सरकार के शीर्ष सूत्रों ने स्वीकार किया कि वे ट्रंप की बुधवार की घोषणा से हैरान थे क्योंकि व्यापार करार को लेकर बातचीत अभी भी जारी थी और अमेरिका का एक दल 25 अगस्त को छठे दौर की वार्ता के लिए नई दिल्ली आने वाला था। उन्होंने भारत द्वारा कोई भी जवाबी कार्रवाई शुरू करने की संभावना से इनकार किया। लेकिन इतना तय है कि भारत रूस के साथ अपने रक्षा संबंधों और कृषि तथा डेरी क्षेत्रों के हितों जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर अमेरिका के सामने नहीं झुकेगा।

एक सूत्र ने कहा, ‘हमें इंतजार करना चाहिए और देखना चाहिए कि चीजें कैसे आगे बढ़ती हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को 25 फीसदी शुल्क की संरचना और जुर्माने की मात्रा पर स्पष्टता और अमेरिकी कार्यकारी आदेश का इंतजार है।

ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा जैसे कुछ नेताओं ने ट्रंप की धमकियों को मामने से इनकार कर दिया है। ऐसे में सरकार इस पर भी बारीकी से नजर रख रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान और जुलाई के पहले सप्ताह में ब्राजील के राष्ट्रपति से मुलाकात की थी। ट्रंप ने ब्राजील से आयात पर 50 फीसदी शुल्क लगाने की धमकी दी थी, जो लूला को डराने में विफल रही जिसके परिणामस्वरूप अमेरिका ने ब्राजील से आने वाले सामान पर शुल्क से छूट की एक लंबी सूची जारी की है।

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने संसद में कहा कि सरकार राष्ट्रीय हित की रक्षा और उसे बढ़ावा देने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि यह सरकार का कोई ‘बयान’ नहीं है। रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप के साथ अपनी बहुप्रचारित व्यक्तिगत मित्रता को लेकर जो भरोसा किया था, वो पूरी तरह से खोखला साबित हुआ है।’ इस बीच विपक्षी इंडिया गठबंधन के सदस्य बिहार में चुनाव आयोग की विशेष गहन समीक्षा को लेकर हंगामा करने लगे और ट्रंप शुल्क के मुद्दे पर सरकार को घेरने में अनिच्छुक दिखे।

इस बीच ट्रंप ने रूस के साथ भारत की अर्थव्यवस्था को ‘मृत’ बताया है। इसके लेकर सूत्रों ने कहा कि ट्रंप की इस टिप्पणी पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि यह रूसी सुरक्षा परिषद के उप चेयरमैन और रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव की कुछ पिछली टिप्पणियों के जवाब में थी। डॉनल्ड और मेदवेदेव पिछले कुछ हफ्तों से सोशल मीडिया पर एक-दूसरे से बहस कर रहे हैं।

लोक सभा में और बाद में राज्य सभा में अपने बयान में गोयल ने कहा कि सरकार अमेरिकी टैरिफ के प्रभावों का आकलन कर रही है। इसके लिए निर्यातकों और उद्योग सहित सभी हितधारकों से बात कर रही है। उन्होंने कहा, ‘सरकार हमारे किसानों, श्रमिकों, उद्यमियों, निर्यातकों, एमएसएमई और उद्योग के सभी वर्गों के हितों की रक्षा को सर्वोच्च महत्त्व देती है। हम अपने राष्ट्रीय हित को सुरक्षित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।’

संभवत: रूस के साथ भारत को भी ‘मृत अर्थव्यवस्था’ बताने वाली ट्रंप की टिप्पणी का जवाब देते हुए गोयल ने यह भी कहा कि सिर्फ एक दशक के अंदर भारत दुनिया की कमजोर अर्थव्यवस्था का धब्बा धोते हुए 5 सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया। यह भी व्यापक रूप से अनुमान है कि अगले कुछ ही वर्षों में भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

गोयल ने कहा कि भारत ने यूएई, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और ईएफटीए देशों के साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते किए हैं। उन्होंने कहा कि भारत अन्य देशों के साथ भी इसी तरह के व्यापार समझौते करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ने अपने कृषि क्षेत्र की रक्षा के लिए स्पष्ट लाइन खींच कर इन एफटीए को आगे बढ़ाया है। कृषि और डेरी क्षेत्रों में अधिक बाजार पहुंच हासिल करने का अमेरिकी आग्रह तनाव का एक बिंदु रहा है। अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसट ने गुरुवार को सीएनबीसी के साथ साक्षात्कार में कहा कि अमेरिकी व्यापार टीम भारत से निराश है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते का भविष्य अब भारत पर निर्भर है।

इस घोषणा के कुछ घंटे बाद ही ट्रंप ने आंशिक रूप से भारत की ब्रिक्स सदस्यता को 25 प्रतिशत टैरिफ के लिए दोषी ठहराया। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने संकेत दिया कि 1 अगस्त से प्रभावी होने वाले टैरिफ और जुर्माने में देरी हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले पर भारत के साथ चर्चा जारी है। ट्रंप ने कहा, ‘हम अभी बातचीत कर रहे हैं और यह ब्रिक्स भी है। मूल रूप से देशों का समूह ब्रिक्स अमेरिका विरोधी हैं और भारत इसका सदस्य है। ब्रिक्स का रवैया डॉलर पर हमला है और हम किसी को भी ऐसा नहीं करने देंगे। इसलिए यह थोड़ा ब्रिक्स है और थोड़ा व्यापार है। इससे हमें जबरदस्त घाटा था।’

उन्होंने कहा, ‘भारत दुनिया में सबसे अधिक टैरिफ वाले देशों में से एक है। अब, वे इसे बहुत कम करने के लिए तैयार हैं। लेकिन हम देखेंगे कि क्या होता है। हम अभी भारत से बात कर रहे हैं। इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता कि हमारे पास कोई समझौता है या हम उन पर एक निश्चित टैरिफ लगाते हैं। क्या होगा, आपको इस सप्ताह के अंत में पता चल जाएगा।’

दूसरी ओर, भारतीय अधिकारियों ने कहा था कि उन्होंने इस महीने की शुरुआत में अपना अंतिम प्रस्ताव दिया था और कहा था कि भारत द्वारा किए गए प्रस्तावों को स्वीकार करने के लिए गेंद ट्रंप के पाले में है।

(साथ में एजेंसियां)

First Published : July 31, 2025 | 11:31 PM IST