Market This Week: भारतीय शेयर बाजारों में शुक्रवार को जोरदार गिरावट देखने को मिली। इसी के साथ प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी-50 और सेंसेक्स तीन हफ्तों के निचले स्तर पर पहुंच हुए। यह गिरावट करीब सात महीने में सबसे बड़ी वीकली गिरावट रही। इसका मुख्य कारण अमेरिका के H-1B वीजा पर नई पाबंदियां और ब्रांडेड दवाओं पर टैरिफ लगाने की घोषणा रही। इससे निवेशकों के सेंटीमेंट पर नेगेटिव असर पड़ा।
निफ्टी-50 (Nifty-50) शुक्रवार को 0.95 फीसदी गिरकर 24,654.7 पर बंद हुआ। जबकि बीएसई सेंसेक्स 0.9% की गिरावट के साथ 80,426.46 पर बंद हुआ। साप्ताहिक आधार पर दोनों इंडेक्स में इस हफ्ते (22 सितंबर-26 सितंबर) करीब 2.7 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स में रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, ”भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार को भारी बिकवाली देखने को मिली, जो एशियाई बाजारों में आई गिरावट के रुख को दर्शाता है। फार्मा सेक्टर पर नए टैरिफ की घोषणा के बाद निवेशकों की भावनाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं, जिससे फार्मा शेयरों में गहरी गिरावट दर्ज की गई। वहीं, एक्सेंचर की कमजोर गाइडेंस और छंटनी की खबरों ने यह संकेत दिया कि आईटी क्षेत्र में खर्च धीमा हो रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़ी उम्मीदें भी फिलहाल उम्मीद के अनुरूप नतीजे नहीं दे रही हैं, जिससे टेक शेयरों में चौतरफा बिकवाली देखी गई। वैश्विक अनिश्चितता के बीच निवेशक फिलहाल घरेलू निवेश और खपत पर केंद्रित नजर आ रहे हैं।”
बाजार के सभी 16 प्रमुख सेक्टर्स इस हफ्ते गिरावट में रहे। इनमें आईटी और फार्मा सेक्टर में सबसे ज्यादा गिरावट आई। आईटी इंडेक्स में इस सप्ताह करीब 8% की गिरावट आई। यह पिछले सात महीनों में इंडेक्स में आई सबसे बड़ी वीकली गिरावट है। इसकी वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के H-1B वीजा पर 100,000 फीस लगाने का ऐलान रही। एनालिस्ट्स का कहना है कि इससे भारतीय आईटी कंपनियों के ऑपरेशनल कॉस्ट बढ़ सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उनकी आमदनी का बड़ा हिस्सा अमेरिका से आता है।
वहीं, बाजार में शुक्रवार को और दबाव तब बढ़ गया जब आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी एक्सेंचर ने साल भर की कमजोर रेवेन्यू गाइडेंस दी। इससे मांग में सुस्ती के संकेत मिले। वेंचुरा सिक्योरिटीज के रिसर्च प्रमुख विनीथ बोलिंजकर ने कहा कि आईटी शेयरों पर तो पहले से दबाव था। लेकिन अब ट्रंप ने फार्मा सेक्टर पर भी फोकस कर लिया है।
फार्मा इंडेक्स शुक्रवार को 2.1 फीसदी और इस सप्ताह में 5.2 प्रतिशत गिरा। इसका कारण ट्रंप के 1 अक्टूबर से ब्रांडेड और पेटेंटेड दवाओं पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा है। हालांकि भारत इन दवाओं के निर्यात में बड़ी हिस्सेदारी नहीं रखता। लेकिन जानकारों का कहना है कि लगातार निर्यात-आधारित सेक्टर्स को लेकर नकारात्मक खबरें बाजार के लिए अच्छी नहीं हैं।
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इस हफ्ते गुरुवार तक विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजारों से करीब 1.4 अरब डॉलर की बिकवाली की। यह दो सप्ताह की खरीदारी के बाद फिर से बिकवाली की शुरुआत को दिखाता है। ट्रंप की नीतियों के चलते अनिश्चितता बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी इस सप्ताह बड़ी गिरावट आई। यह क्रमशः 4.6 प्रतिशत और 5.1 फीसदी रही। हालांकि, इस गिरते बाजार में लार्सन एंड टूब्रो (L&T) ने ट्रेंड के उलट प्रदर्शन किया। कंपनी के हैदराबाद मेट्रो रेल प्रोजेक्ट से बाहर निकलने की खबर के बाद उसका शेयर शुक्रवार को 2.3 फीसदी चढ़कर बंद हुआ।
निवेशकों को इस हफ्ते बाजार में 16 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप इस हफ्ते (22 सितंबर-26 सितंबर) घटकर 4,50,66,773 करोड़ रुपये रह गया। पिछले हफ्ते शुक्रवार (19 सितंबर) को यह 46,689,419 करोड़ रुपये था। इस तरह, बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप साप्ताहिक आधार पर 16,22,646 करोड़ रुपये घटा है।