प्रतीकात्मक तस्वीर
सरकार द्वारा डेटा स्टोरेज और भारतीय नागरिकों से जुड़ी जानकारियां (डेटा) सीमा पार भेजने से संबंधित नियमों में बदलाव की उम्मीद नहीं है। सूत्रों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को इसकी जानकारी दी। डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (डीपीडीपी) अधिनियम के मसौदा नियमों में डेटा स्टोरेज और इसके सीमा पार स्थानांतरण से जुड़े प्रावधानों का जिक्र है।
इस महीने के शुरू में इस विषय पर व्यापक चर्चा हुई थी। इसमें तकनीक क्षेत्र की बड़ी कंपनियों एवं उद्योग संगठनों ने एक प्रावधान पर आपत्ति जताई थी। उस प्रावधान में इस बात का जिक्र है कि सरकार द्वारा नियुक्त एक समिति के सुझावों के आधार पर कुछ खास किस्म की जानकारियां भारत से बाहर भेजने या सहेज कर रखने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
सूत्रों के अनुसार भारत और अमेरिका के बीच गैर-शुल्क बाधाओं पर हुई चर्चा के दौरान डीपीडीपी नियमों में डेटा के स्थानीयकरण यानी देश में ही सहेज कर रखने एवं सीमा पार डेटा भेजने से जुड़े प्रावधानों सहित डिजिटल सेवाओं को उदार बनाए जाने की जरूरत पर चर्चा हुई। दोनों ही देश द्विपक्षीय व्यापार समझौता करने के लिए बातचीत कर रहे हैं।
अमेरिका के सहायक व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) ब्रेंडन लिंच के नेतृत्व में अधिकारियों का एक दल वाणिज्य विभाग के साथ व्यापार समझौते पर चर्चा करने के लिए शनिवार तक भारत में था। अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप 2 अप्रैल से बराबरी का शुल्क लागू कर सकते हैं, जिसे देखते हुए यह चर्चा अहम मानी जा रही है।
डीपीडीपी अधिनियम के अंतर्गत नियमों के मसौदे से इस अधिनियम के प्रावधानों के संचालन संबंधी दिशानिर्देशों पर स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद की जा रही है। ये मसौदा नियम इस साल जनवरी में जारी हुए थे। डीपीडीपी अधिनियम संसद में 2023 में पारित हुआ था और इसे इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई थी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि अगले छह से आठ हफ्तों में नियम अधिसूचित होने की उम्मीद है लेकिन कुछ खास प्रावधान पूरी तरह प्रभावी होने में आधिकारिक अधिसूचना जारी होने के बाद दो वर्ष लग सकते हैं।
इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के इस अधिकारी ने कहा, ‘डीपीडीपी अधिनियम के प्रावधानों में फिलहाल कोई बदलाव नहीं हो सकता। हां, कुछ वाजिब मामलों में नियमों की भाषा में छोटे-मोटे बदलाव की गुंजाइश है।’
डेटा स्थानांतरण से संबंधित प्रावधान को अंतरराष्ट्रीय कंपनियां डेटा स्थानीयकरण नियम कह रही हैं। अधिकारी ने कहा कि जिन प्रावधानों में बदलाव या संशोधन की गुंजाइश हैं उनमें यह प्रावधान शामिल नहीं किया गया है। अधिकारी ने कहा कि डीपीडीपी नियम में डेटा स्थानीयकरण का अलग से कोई उल्लेख नहीं किया गया है।
मसौदा डीपीडीपी नियम 2025 के प्रावधान 14 में भारत से बाहर व्यक्तिगत जानकारियों के इस्तेमाल का जिक्र किया गया है। इस प्रावधान में मोटे तौर पर यह कहा गया है कि जो कंपनियां भारतीय नागरिकों से जुड़ी जानकारियों का इस्तेमाल कर रही हैं वे दूसरे देशों की सरकारों की एजेंसियों के साथ इन्हें साझा नहीं कर सकतीं। एक अन्य सूत्र ने कहा, ‘भारत के नागरिकों से जुड़ी जानकारियां विदेशी एजेंसियों को नहीं दी जा सकतीं।’
आईटी मंत्रालय ने कहा है कि डीपीडीपी नियमों के प्रावधान 6 में कुछ मामूली बदलाव किए जा सकते हैं। इस प्रावधान के अंतर्गत भारतीय नागरिकों की जानकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी कंपनियों की है।