गर्मियां बढ़ते ही देश में बिजली (Electricity demand in India) की खपत भी बढ़ रही है और बिजली की आपूर्ति के लिए कोयला की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। इसी के चलते भारतीय रेलवे ने अलग से करीब 600 मालगाड़ियों को चलाने की योजना बनाई है।
भारतीय रेलवे जून तक केवल थर्मल पावर परियोजनाओं के लिए कोयले की ढुलाई करने के लिए हर रोज करीब 600 मालगाड़ियों को चलाने की योजना पर काम कर रहा है।
मनी कंट्रोल की खबर के मुताबिक, रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि जून तक अधिकतम कोयले की मांग बढ़कर 7.5 करोड़ टन (मिट्रिक टन) हो जाएगी और हमने एक रोडमैप तैयार किया है, जिसके अनुसार हम हर महीने 35-40 ट्रेनों द्वारा कोयले की ढुलाई के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मालगाड़ियों को बढ़ा रहे हैं।’
बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 25 अप्रैल को थर्मल पावर प्लांटों के करीब 35.77 मीट्रिक टन कोयले का स्टॉक था। मार्च में यह संख्या लगभग 30-33 मीट्रिक टन थी।
देश में 165 थर्मल पावर प्लांट हैं जो घरेलू कोयले पर काम करते हैं। थर्मल पावर प्लांटों में कोयले का स्टॉक मानक स्टॉक का लगभग 53 प्रतिशत है, जो कि आदर्श रूप से लगभग 67.6 मीट्रिक टन होना चाहिए।
वहीं कोयला मंत्रालय के आंकड़ों पर नजर डालें तो मार्च 2022 में 65.51 मीट्रिक टन की तुलना में इस वर्ष मार्च के दौरान बिजली उपयोगिताओं को कोयले की डिस्पैच 4.36 प्रतिशत बढ़कर 68.36 मीट्रिक टन हो गई।
2023 में कितनी है बिजली की डिमांड
2023 में भारत की अधिकतम बिजली मांग 230 GW तक पहुंचने की उम्मीद है, जो जनवरी में पहले ही 211 GW को छू चुकी थी, जो अप्रैल 2022 में 216 GW के सर्वकालिक उच्च स्तर के करीब थी।
हाल ही में बिजली मंत्रालय ने बिजली आपूर्ति के लिए सभी आयातित कोयला आधारित थर्मल प्लांट को निर्देश दिया था कि 16 मार्च से 15 जून के बीच पूरी क्षमता से काम करें।