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IIT मद्रास को फर्मों, पूर्व छात्रों और डोनर्स ने जमकर दिया पैसा, इंस्टीट्यूट ने जुटाए 231 करोड़ रुपये

इंस्टीट्यूट ने बताया कि दस वर्षों में कुल फंडिंग 45 फीसदी सालाना चक्रवृद्धि दर से बढ़ी है

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आर्यमन गुप्ता   
Last Updated- June 19, 2023 | 10:00 PM IST

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IIT मद्रास) ने वित्त वर्ष 2022-23 (FY23) में पूर्व छात्रों (alumni), इंडस्ट्री और इंडिविजुअल डोनर्स से 231 करोड़ रुपये जुटाए हैं। IIT मद्रास ने सोमवार को कहा कि यह अब तक की जुटाई गई सबसे ज्यादा रकम है।

IIT मद्रास की तरफ से शेयर किए गए डेटा के मुताबिक, संस्थान ने वित्त वर्ष 22 में 131 करोड़ रुपये की फंडिंग इकट्ठा की थी, जो वित्त वर्ष 23 में 76 फीसदी बढ़ गई। 1 करोड़ से ज्यादा की रकम दान करने वाले सदस्यों की संख्या सालाना आधार पर 64 फीसदी से ज्यादा बढ़ गई है। बता दें कि IIT मद्रास ने वित्त वर्ष 21 में 101.2 करोड़ रुपये जुटाए थे।

इंस्टीट्यूट ने बताया कि दस वर्षों में कुल फंडिंग 45 फीसदी सालाना चक्रवृद्धि दर से बढ़ी है।

इंस्टीट्यूट को CSR (कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फंड, कई भारतीय और बहुराष्ट्रीय कॉरपोरेट फर्मों (मल्टीनैशनल कॉरपोरेट फर्म्स) से ग्रांट यानी अनुदान मिला। इसके अलावा पूर्व छात्रों और व्यक्तिगत परोपकारी लोगों (individual philanthropists) से भी धन मिला।

IIT मद्रास की ऑफिस ऑफ इंस्टीट्यूशनल एडवांसमेंट के मुख्य कार्याधिकारी (CEO) ने कविराज नायर कहा, ‘हमारे हितैषियों ने हमें स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन, एनर्जी, कौशल विकास (स्किल डेवलपमेंट) और कृषि जैसे सामाजिक रूप से आवश्यक क्षेत्रों में नई तकनीकों के विकास के लिए सेंटर्स ऑफ एक्सलेंस बनाने में मदद की। वे छात्रवृत्ति और फेलोशिप के माध्यम से जरूरतमंद छात्रों को फाइनैंशियल सपोर्ट भी प्रदान करते हैं।’

नायर ने कहा, ‘पूर्व छात्रों ने कैंपस के ओवरऑल इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार जैसे इनोवेशन हब, इनडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के कंस्ट्रक्शन में सहायता की। इसके अलावा उन्होंने कैंपस में ट्रांसपोर्टेशन की बेहतर सुविधा के लिए इलेक्ट्रिक बसों को खरीदा। हम IIT मद्रास से जुड़े एक वर्ल्ड क्लास स्टार्टअप इकोसिस्टम बनाने के लिए अपने पूर्व छात्रों के साथ बड़े पैमाने पर काम करते हैं।’

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उन्होंने कहा कि पूर्व छात्रों के समर्थन से इंस्टीट्यूट को तकनीकी विशेषज्ञता, प्रोफेशनल नेटवर्क या फाइनैंशियल सोर्सेज में सहायता मिल सकती है।

भारत भर में और विश्व स्तर पर पूर्व छात्रों और इंडिविजुअल डोनर्स ने संस्थान के लिए लगभग 96 करोड़ रुपये का योगदान दिया। विशेष क्षेत्रों में रिसर्च के लिए चेयर प्रोफेसरशिप स्थापित करने के अलावा उनके फोकस क्षेत्रों में विभिन्न सामाजिक प्रभाव विषयों पर रिसर्च, इन्फ्रास्ट्रक्चर, छात्रों के लिए स्कॉलरशिप शामिल हैं।

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CSR सेगमेंट में पिछले वर्ष की तुलना में 56 फीसदी की वृद्धि देखी गई, जिसमें पिछले वर्ष 40 की नई पार्टनरशिप शामिल हैं। जिन क्षेत्रों ने डोनर्स से सबसे अधिक रुचि आकर्षित की उनमें CSR के तहत रिसर्च के लिए सहयोग है। इसके अलावा एनर्जी, पर्यावरण, स्वास्थ्य और शिक्षा में प्रौद्योगिकी संचालित पहल में भी डोनर्स ने विशेष फोकस किया है।

2023-24 के चालू वित्त वर्ष के लिए संस्थान के प्रमुख रकम जुटाने वाले लक्ष्यों में भारत और अमेरिका में पूर्व छात्रों की रकम जुटाने वाली टीम को मजबूत करना शामिल है ताकि पूर्व छात्रों के सेगमेंट में और अधिक पहुंच बनाई जा सके।

First Published : June 19, 2023 | 5:01 PM IST