लोकसभा ने शुक्रवार को यानी 28 जुलाई को एक विधेयक पारित किया, जिसमें IIM की प्रबंधन जवाबदेही (management accountability) राष्ट्रपति को सौंपने की मांग की गई है। यह विधेयक ऐसे समय पेश किया गया जब संसद में भारी विरोध चल रहा था। वह विरोध इस विधेयक को लेकर नहीं, बल्कि मणिपुर हिंसा को लेकर था। सरकार द्वारा लाया गया यह बिल ध्वनिमत से पारित हुआ था। हालांकि, कई लोगों का कहना है कि सरकार IIMs पर अपनी स्वायत्ता हासिल करना चाहती है। वहीं, केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का ऐसा कोई इरादा नहीं है।
बता दें कि एक नए विधेयक में राष्ट्रपति को मैनेजमेंट की जवाबदेही संबंधधी जिम्मेदारी दी गई है। इस बिल के ऐक्ट में परिवर्तित होने के बाद राष्ट्रपति IIM के एक विजिटर होंगे और उनके पास उनके कामकाज का ऑडिट करने, निदेशकों (डॉयरेक्टर्स) को हटाने और चयन समिति (selection committee) में एक सदस्य को नामित करने की शक्तियां होंगी।
क्या कहा शिक्षामंत्री ने ?
निचले सदन में भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2023 (Indian Institutes of Management (Amendment) Bill, 2023) को पेश करते हुए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार का संस्थान से शैक्षणिक जवाबदेही छीनने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन विधेयक केवल इसकी प्रबंधन जवाबदेही सुनिश्चित करेगा जैसा कि केंद्र सरकार ने IIMs की स्थापना में 6,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं।
प्रधान ने कहा कि मौजूदा व्यवस्था के तहत, भारत के राष्ट्रपति भी IITs और NITs के विजिटर हैं, लेकिन इन संस्थानों की शैक्षणिक स्वायत्तता (academic autonomy) पर कोई सवाल नहीं उठाया जा रहा है।
क्या जुड़ा IIM के लिए नई बिल में? समझें 5 पॉइंट में
1. विधेयक के अनुसार, जो 2017 के IIM एक्ट में संशोधन करना चाहता है, राष्ट्रपति भारतीय प्रबंधन संस्थानों (IIMs) के विजिटर होंगे, जिनके पास उनके कामकाज का ऑडिट करने, जांच का आदेश देने और निदेशकों को नियुक्त करने के साथ-साथ हटाने की शक्तियां होंगी।
2. विजिटर किसी भी संस्थान के काम और प्रोग्रेस का रिव्यू करने, उसके मामलों की जांच करने और विजिटर द्वारा निर्देशित तरीके से रिपोर्ट करने के लिए एक या एक से अधिक व्यक्तियों को नियुक्त कर सकता है।
3. बोर्ड अगर यह पाता है कि संस्थान अधिनियम के प्रावधानों और उद्देश्यों के अनुसार काम नहीं कर रहा है तो विजिटर को जांच के लिए सिफारिश भी भेज सकता है।
4. शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि इन सभी IIMs की अकादमिक जिम्मेदारी उसके पास ही रहेगी केवल मैनेजमेंट की जिम्मेदारी राष्ट्रपति को सौंपी जाएगी।
5. नई बिल में डॉयरेक्टर की नियुक्ति को लेकर प्रावधान में बदलाव लाया गया है। संशोधन विधेयक (amendment Bill) के अनुसार, डॉयरेक्टर की नियुक्ति के लिए सर्च-कम-सेलेक्शन पैनल में एक विजिटर द्वारा नामित व्यक्ति होगा। बता दें कि हर IIM में बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में 19 सदस्य होते हैं।
इससे पहले, IIM Act के तहत, जो जनवरी 2018 में लागू हुआ और प्रमुख बिजनेस-स्कूलों को अधिक स्वतंत्रता प्रदान की गई, प्रत्येक संस्थान के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में 19 सदस्य होते हैं जिनमें केंद्र और राज्य सरकारों से केवल एक-एक प्रतिनिधि शामिल होता है।
बोर्ड अपने शेष 17 सदस्यों को प्रतिष्ठित व्यक्तियों, फैकल्टी और पूर्व छात्रों (alumni) में से नामांकित करता है। यह नए निदेशकों और अध्यक्षों की नियुक्ति के लिए सर्च पैनल भी नियुक्त करता है, और बाद में, यदि यह सर्च पैनल की सिफारिशों से सहमत होता है तो नियुक्तियां करता है।