Highest Salary Paying Sector in India: भारत में रिटेल (Retail) और टेलीकम्युनिकेशन (telecommunications) सेक्टर में एंट्री-लेवल पेशेवरों की सैलरी में सालाना आधार पर 15 और 14 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि आईटी-सॉफ्टवेयर और सर्विसेज (IT-Software & Services) अभी-भी सैलरी पैकेज के मामले में सबसे आगे हैं। लेटेस्ट हायरिंग ट्रेंड्स के अनुसार, जुलाई 2024 में फाउंडिट (foundit) द्वारा किए गए विश्लेषण में यह खुलासा हुआ है। फाउंडिट को पूर्व में Monster APAC & ME के नाम से जाना जाता था।
रिटेल उद्योग में फ्रेशर्स की औसतन न्यूनतम सैलरी 3.3 लाख रुपये प्रति वर्ष (LPA) और औसत अधिकतम सैलरी 5.2 LPA है। आईटी-सॉफ्टवेयर और सर्विसेज उद्योग विभिन्न अनुभव स्तरों पर सबसे हाई सैलरी पैकेजों के साथ नंबर वन बना हुआ है। आईटी सेक्टर में फ्रेशर्स की सैलरी 4.1 LPA से 7.5 LPA के बीच है, जो एंट्री-लेवल पर आईटी कौशल की मजबूत मांग और महत्व को दर्शाती है। ऑटोमोटिव, BFSI और ट्रैवल एंड टूरिज्म जैसे कुछ क्षेत्रों में सैलरी पैकेज में गिरावट देखी गई, जो बाजार की चुनौतियों और उद्योग समायोजन को दर्शाता है।
सालाना आधार पर सैलरी रुझान (2024 vs 2023)
| Industry | 0-3 years | 4-6 years | 7-10 years | 10-15 years |
|---|---|---|---|---|
| BFSI | 0% | -1% | -2% | -2% |
| IT – Software & Services | 1% | 1% | 2% | 1% |
| Automotive | -8% | -2% | 4% | 4% |
| Telecommunications | 14% | 5% | -4% | -13% |
| Advertising, Market Research & PR | -1% | 3% | 10% | 15% |
| Travel & Tourism | 6% | -2% | 9% | -2% |
| Retail | 15% | 14% | 6% | 5% |
विज्ञापन, मार्केट रिसर्च और पीआर उद्योग में 7+ वर्षों के कार्य अनुभव वाले अनुभवी पेशेवरों की सैलरी में पिछले वर्ष (2024 बनाम 2023) में 15 फीसदी की वृद्धि देखी गई है, जो शीर्ष प्रतिभाओं को आकर्षित करने के उद्योग के फोकस को दर्शाता है। इस सेक्टर में अनुभवी पेशेवरों की सैलरी 11 LPA से 33 LPA के बीच है।
ट्रैकर से पता चला कि कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में हायरिंग में सालाना आधार पर 45 फीसदी की वृद्धि हुई है। यह उछाल तकनीकी प्रगति, एआई विकास, और स्मार्टफोन, टीवी, गैजेट्स, स्मार्टवॉच आदि में इनोवेशन के कारण है। मैन्युफैक्चरिंग उद्योग में भी हायरिंग में सालाना आधार पर 43 फीसदी की वृद्धि हुई है, जो इस उछाल का प्रभाव दिखाता है। ऑटोमोटिव उद्योग में भी हायरिंग में 18 फीसदी की सालाना वृद्धि हुई है।
रियल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन एवं इंजीनियरिंग सेक्टर ने भी बजट सुधारों, स्थिरता और हरित पहलों से प्रेरित होकर पिछले वर्ष की तुलना में हायरिंग में क्रमश 32 और 29 फीसदी की प्रभावशाली वृद्धि दिखाई है। दूसरी ओर, आयात/निर्यात क्षेत्र ने पिछले वर्ष के मुकाबले जुलाई 2024 में 32 फीसदी की महत्वपूर्ण गिरावट के साथ कई हायरिंग चुनौतियों का सामना किया।
जुलाई 2023 की तुलना में जुलाई 2024 में हॉस्पिटैलिटी और ट्रैवल भूमिकाओं में हायरिंग में 28 फीसदी की वृद्धि हुई।
इसी तरह, मार्केटिंग और कम्युनिकेशंस भूमिकाओं में सालाना आधार पर 24 फीसदी की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो ब्रांड्स के अपने डिजिटल उपस्थिति को मजबूत करने और ऑनलाइन अपने दर्शकों के साथ जुड़ने पर बढ़ते फोकस को दर्शाती है। इसके अलावा, चिकित्सा संबंधी नौकरी भूमिकाओं के लिए हायरिंग में सालाना 22 फीसदी की वृद्धि देखी गई है।
इसके विपरीत, कुछ नौकरी भूमिकाओं में हायरिंग में कमी देखी गई। ग्राहक सेवा भूमिकाओं में हायरिंग में 25 फीसदी की तेज गिरावट आई है, जो ऑटोमेशन और AI प्रौद्योगिकियों के उदय से प्रेरित संभावित मांग में मंदी या हायरिंग आवश्यकताओं में बदलाव का सुझाव देती है। इसी तरह, बिक्री और व्यवसाय विकास नौकरी भूमिकाओं में भी इस वर्ष 8 फीसदी की गिरावट देखी गई है। जिन अन्य क्षेत्रों में हायरिंग में भारी गिरावट देखी गई है उनमें इंजीनियरिंग/उत्पादन (-7%) और वित्त और लेखा (-6%) शामिल हैं।
भारत के टियर-2 शहरों में नौकरी वृद्धि में कोयंबटूर अग्रणी बनकर उभरा है, जहां हायरिंग में 24 फीसदी की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसके बाद जयपुर 23 फीसदी की वृद्धि के साथ दूसरे स्थान पर है। मजबूत वृद्धि दर्शाने वाले अन्य शहरों में दिल्ली-एनसीआर (18%), चेन्नई (14%), और पुणे (12%) शामिल हैं। मासिक आधार पर, चेन्नई और कोच्चि ने क्रमशः 5 फीसदी की वृद्धि के साथ स्थिर भर्ती माहौल बनाए रखा।
बेंगलुरु में भी हायरिंग में उछाल देखा जा रहा है, जो तकनीकी क्षेत्र की वृद्धि और शहरी विकास द्वारा प्रेरित है, जो अब टियर 2 शहरों में विस्तारित हो रहा है। हालांकि, कुछ शहरों जैसे मुंबई (-4%), चंडीगढ़ (-4%), और बड़ौदा (-4%) में हायरिंग में थोड़ी गिरावट देखी गई है।