लोकसभा चुनाव में बीजेपी सांसद हेमा मालिनी को मथुरा में इस बार कड़ी टक्कर मिल सकती है। मथुरा निर्वाचन क्षेत्र से हेमा मालिनी के खिलाफ इंडिया अलायंस ओलंपियन मुक्केबाज विजेंदर सिंह को उतारने पर विचार कर रही है।
करीब पांच लाख वोटों वाला जाट समुदाय इस इलाके में खासा प्रभाव रखता है। कांग्रेस को जाट वोटों पर जीत हासिल करने के लिए विजेंदर पर भरोसा है। यही वजह है कि इंडिया अलायंस विजेंदर सिंह को इस सीट से उतार सकती है। हालांकि, अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
वहीं दूसरी ओर, बॉलीवुड स्टार धर्मेंद्र की पत्नी हेमा मालिनी ने जाट समुदाय से समर्थन का दावा किया है। खबरों के मुताबिक, हरियाणा के भिवानी के विजेंदर सिंह कहीं और से होने के बावजूद मथुरा से चुनाव लड़ने को बेताब हैं।
बीते साल पहलवानों के समर्थन में उतरे थे विजेंदर सिंह
पिछले साल, विजेंदर ने भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के प्रति अपना समर्थन दिखाया था और अपनी ‘जाट स्पोर्ट्स सेलिब्रिटी छवि’ को हाइलाइट किया था।
इस दौरान वह हरियाणा के एथलीटों के साथ खड़े रहे और देश से उनका सपोर्ट करने का आग्रह किया। 2008 ओलंपिक में कांस्य सहित भारत के लिए कई पदक जीतने वाले विजेंदर मथुरा में हेमा मालिनी के लिए बड़ी चुनौती पेश कर सकते हैं।
विजेंदर 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे। तब वह दक्षिणी दिल्ली सीट से चुनाव लड़े थे लेकिन रमेश बिधूड़ी के खिलाफ हार गए थे। लेकिन इस बार भाजपा ने दक्षिणी दिल्ली से रमेश बिधूड़ी की जगह रामवीर सिंह बिधूड़ी को मैदान में उतारा है।
मथुरा-वृंदावन में अपने काम के दम पर जीतने की उम्मीद में हेमा
हेमा मालिनी मथुरा और वृंदावन को बेहतर बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने मथुरा वृन्दावन तीर्थ विकास बोर्ड के प्रमुख के रूप में 12 परियोजनाएं पूरी की हैं। श्रीकृष्ण की भक्त के रूप में, वह मथुरा से सांसद के रूप में कार्य करते हुए अपने कार्यकाल के दौरान और भी काम करना चाहती हैं।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 27 मार्च को मथुरा में चुनाव अभियान शुरू किया था। उन्होंने हिंट दिया था कि मथुरा अधिक महत्वपूर्ण होता जा रहा है और उन्होंने वृन्दावन की संकरी गलियों में सुधार की जरूरत पर जोर दिया था।