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मंत्रिसमूह ने केंद्र के जीएसटी सुधार प्रस्ताव को समर्थन दिया, 12% और 28% टैक्स स्लैब खत्म करने का निर्णय!

वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, जीएसटी परिषद की बैठक सितंबर के तीसरे सप्ताह में होगी और दरों में कटौती अक्टूबर से लागू होने की संभावना

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मोनिका यादव   
Last Updated- August 21, 2025 | 11:09 PM IST

राज्यों के वित्त मंत्रियों के समूह ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ढांचे में व्यापक सुधार संबंधी केंद्र सरकार के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी। मंत्रिसमूह के संयोजक और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मंत्रिसमूह ने इस प्रस्ताव को जीएसटी परिषद के पास भेजने का निर्णय लिया है। यह सिफारिश केंद्र के 15 अगस्त के प्रस्ताव के बाद आई है जिसमें जीएसटी के केवल दो स्लैब 5 फीसदी और 18 फीसदी रखने की बात कही गई थी। इसके अलावा हानिकारक एवं विलासिता वाली वस्तुओं के लिए 40 फीसदी की नई दर लागू करने का प्रस्ताव किया गया था।

चौधरी ने मंत्रिसमूह की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘हमने केंद्र सरकार के दो स्लैब- 12 फीसदी और 28 फीसदी- को समाप्त करने के प्रस्ताव पर चर्चा की। हमने इस फैसले का समर्थन किया है और अंतिम निर्णय के लिए इसे जीएसटी परिषद के पास भेजा जाएगा।’

स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर मंत्रिसमूह ने बुधवार को व्य​क्तिगत बीमा प्रीमियम को जीएसटी से छूट देने का प्रस्ताव किया था। फिलहाल व्य​क्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा दोनों प्रीमियम पर 18 फीसदी जीएसटी लगाया जाता है।

वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, जीएसटी परिषद की बैठक सितंबर के तीसरे सप्ताह में होगी और दरों में कटौती अक्टूबर से लागू होने की संभावना है। मगर पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य के अनुसार, गुरुवार की बैठक में कई राज्यों ने संभावित राजस्व नुकसान पर चिंता जताई और उन्होंने क्षतिपूर्ति को जारी रखने की आवश्यकता पर बल दिया।

भट्टाचार्य ने कहा कि उनके राज्य ने कुछ वस्तुओं पर 40 फीसदी के अलावा अतिरिक्त शुल्क लगाने का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा, ‘जिन वस्तुओं पर क्षतिपूर्ति उपकर लगाया जाता है, उन पर राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए अतिरिक्त शुल्क लगाया जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि केंद्र ने अब तक राजस्व के नुकसान का आकलन नहीं किया है। उन्होंने कहा, ‘सभी राज्य जनता के फायदे वाले फैसलों का समर्थन करते हैं, लेकिन जब राज्यों को राजस्व का नुकसान होगा तो उस पर भी विचार करना होगा।’

उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि 12 फीसदी और 28 फीसदी जीएसटी स्लैब को समाप्त करने के केंद्र के प्रस्ताव का सभी ने स्वागत किया है क्योंकि इससे आम आदमी को फायदा होगा। उद्योग विशेषज्ञों ने कहा कि इस बदलाव के लिए बेहद सावधानी से तैयारी करनी होगी।

प्राइस वाटरहाउस ऐंड कंपनी एलएलपी के पार्टनर प्रतीक जैन ने कहा कि मं​​त्रिसमूह की सिफारिश काफी महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘इससे कर ढांचा सरल होगा, उत्पादों के वर्गीकरण पर विवाद में कमी आएगी और खपत को बढ़ावा मिलेगा। ​फिलहाल 70 फीसदी से अधिक जीएसटी संग्रह 18 फीसदी स्लैब से आता है जिसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। ऐसे में जीएसटी दरों में बदलाव का राजस्व पर प्रभाव भी सीमित होगा क्योंकि कम कीमतें मांग को भी बढ़ावा देंगी। चीजें जितनी तेजी से बदल रही हैं, उसे देखते हुए उद्योग को तत्काल तैयारी करनी होगी और प्रभाव का आकलन करना होगा।’

ग्रांट थॉर्नटन भारत एलएलपी के पार्टनर और लीडर (कर विवाद प्रबंधन) मनोज मिश्र ने कहा कि अधिकतर वस्तुओं को 12 फीसदी स्लैब से 5 फीसदी और 28 फीसदी से 18 फीसदी में लाने के प्रस्तावित बदलाव से परिवारों और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को काफी राहत मिलेगी।

First Published : August 21, 2025 | 11:01 PM IST