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Grene Robotics ने दुनिया के एकमात्र मानवरहित एयरक्रॉफ्ट सिस्टम इंद्रजाल का किया प्रदर्शन

पिछले दशक में और खास कर अजरबैजान और आर्मेनिया तथा यूक्रेन और रूस के बीच हुए युद्ध के बाद से दुनिया अमेरिका की शत्रुतापूर्ण गतिविधि में महत्त्वपूर्ण वृद्धि देख रही है

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अजय शुक्ला   
Last Updated- September 03, 2023 | 9:45 PM IST

निजी क्षेत्र की कंपनी ग्रीन रोबोटिक्स ने शनिवार को हथियार प्रणाली इंद्रजाल का प्रदर्शन किया। कंपनी का दावा है कि यह दुनिया की एकमात्र मानवरहित जवाबी विमान प्रणाली है (सी-यूएएस) जो व्यापक क्षेत्र पर नजर रखने में समर्थ हैं।

दावा किया गया है कि यह दुनिया की इकलौती एंटी ड्रोन प्रणाली है जो सूक्ष्म, लघु, छोटे, बड़े और विशाल ड्रोन से भी रक्षा करने में सक्षम है। यह भारतीय रक्षा प्रौद्योगिकी की एक बड़ी सफलता का प्रतीक है।

ग्रीन रोबोटिक्स के अधिकारियों का कहना है कि कंपनी ने सरकारी अधिकारियों और त्रि-सेवा सदस्यों के लिए प्रदर्शन करने के लिए अपना पैसा खर्च किया है और अपनी वैज्ञानिक और तकनीकी जनशक्ति का उपयोग किया है।

इंद्रजाल का प्रदर्शन उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह की मौजूदगी में किया गया है। उन्होंने इस प्रणाली को रक्षा प्रौद्योगिकी में एक अभूतपूर्व प्रगति बताया। उनका कहना है कि यह प्रणाली रक्षा, सार्वजनिक और निजी बुनियादी ढांचे के लिए सुरक्षा परिदृश्य को नया आकार देगा। कभी सेना की उपकरण खरीद का नेतृत्व करने वाले जनरल ने कहा, ‘ यह प्रणाली न केवल हमारे देश की आत्मनिर्भर सैन्य क्षमताओं को बढ़ाएगी बल्कि ड्रोन के बढ़ते खतरे से बचाव के लिए मौजूदा वक्त की तत्काल आवश्यकता को भी पूरा करेगी।’

परीक्षण हैदराबाद में ग्रीन रोबोटिक्स की 79 एकड़ की परीक्षण सुविधा केंद्र में आयोजित किया गया।

पिछले दशक में और खास कर अजरबैजान और आर्मेनिया तथा यूक्रेन और रूस के बीच हुए युद्ध के बाद से दुनिया अमेरिका की शत्रुतापूर्ण गतिविधि में महत्त्वपूर्ण वृद्धि देख रही है। भारत के रक्षा बलों ने देश में हथियार, धन और नशीले पदार्थ गिराने के कई प्रयासों का पता लगाया और उन्हें विफल कर दिया है।

खुफिया रिपोर्टों से भी संकेत मिलता है कि पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी, इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) सक्रिय रूप से भारत के जम्मू और पंजाब क्षेत्रों में हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करने की योजना बना रही है।

ऐसा लगता है है कि पाकिस्तान के ड्रोन मिशनों के तीन प्राथमिक उद्देश्य हैं: भारतीय सुरक्षा बलों की निगरानी, नशीले पदार्थों की तस्करी, और भारतीय क्षेत्र के भीतर हथियारों का वितरण। ड्रोन-आधारित हथियार वितरण में लगातार वृद्धि हुई है। साल 2020 में 76 मामले दर्ज किए गए थे। उसके बाद साल 2021 में 109, साल 2022 में 266 और इस साल यानी 2023 में अब तक करीब 200 ऐसे मामले दर्ज किए गए हैं।

इंद्रजाल का डिज़ाइन सिद्धांत दुनिया में पहली बार आर्टिफिशल इंटेलिजेंस द्वारा संचालित प्रौद्योगिकी का लाभ उठाता है। इसके उपयोग से प्रणाली वास्तविक समय में खतरों का पता लगाने, पहचानने, वर्गीकृत करने, ट्रैक करने और तेजी से बेअसर करने की क्षमता रखता है।

इंद्रजाल चारों तरफ यानी 360-डिग्री सुरक्षा प्रदान करते हुए सभी तरह के और मानव रहित खतरों के स्तरों के खिलाफ 4000 वर्ग किलोमीटर तक के क्षेत्रों की रक्षा कर सकता है।

First Published : September 3, 2023 | 9:45 PM IST