भारत

संसद में SIR पर चर्चा के संकेत, सरकार ने कहा: चुनाव सुधारों पर हम व्यापक बातचीत को तैयार

विपक्ष द्वारा एसआईआर पर चर्चा की मांग के बाद सुबह और दोपहर के सत्रों में बार-बार व्यवधान के बाद लोक सभा दोपहर 2 बजे के कुछ ही समय बाद स्थगित कर दी गई

Published by
बीएस संवाददाता   
Last Updated- December 01, 2025 | 10:44 PM IST

सरकार ने संकेत दिए हैं कि वह चुनाव सुधारों पर चर्चा करने के लिए तैयार है। सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन विपक्ष द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा की मांग करते हुए बार-बार लोक सभा की कार्यवाही बाधित करने के बाद सरकार की तरफ से यह इशारा दिया गया है।

शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संवाददाताओं से कहा कि संसद नाटक के लिए नहीं बल्कि ठोस नतीजे की जगह है। उन्होंने विपक्ष पर सदन को चुनावों के लिए  ‘वार्म अप अखाड़ा’ या हार के बाद निराशा व्यक्त करने के स्थान के रूप में बदलने का आरोप लगाया।

मोदी ने कहा, ‘हमें जिम्मेदारी की भावना के साथ काम करने की जरूरत है। संसद नाटक के लिए नहीं, बल्कि देश हित के लिए कार्य करने की जगह है।’ बिहार विधान सभा चुनाव के नतीजों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष चुनावी हार से परेशान है और अपनी विफलता पचा नहीं पा रहा है। उन्होंने कहा, ‘हार व्यवधान पैदा करने का आधार नहीं होना चाहिए। जीत को भी अहंकार में नहीं बदलना चाहिए।’

विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री की टिप्पणी की आलोचना की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी को ‘सबसे बड़ा ड्रामेबाज’ करार दिया और कहा कि संसद में नाटक करने में शामिल होने के विपक्ष पर उनका बयान पाखंड के अलावा कुछ नहीं है। खरगे ने एक्स पर एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों के वास्तविक मुद्दे पर ध्यान देने के बजाय एक बार फिर ‘नाटकबाजी’ की है।

विपक्ष द्वारा एसआईआर पर चर्चा की मांग के बाद सुबह और दोपहर के सत्रों में बार-बार व्यवधान के बाद लोक सभा दोपहर 2 बजे के कुछ ही समय बाद स्थगित कर दी गई। बाद में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने राज्य सभा को बताया कि सरकार एसआईआर या चुनाव सुधारों पर चर्चा करने के खिलाफ नहीं है, लेकिन विपक्ष को समयसीमा निर्धारित करने पर जोर नहीं देना चाहिए। कई विपक्षी दलों ने विरोध में यह कहते हुए बहिर्गमन किया कि वे संसदीय कार्य मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं।

लेकिन सरकार और विपक्ष दोनों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच एक समझौता हो गया है कि ‘आगे चुनाव सुधारों की आवश्यकता’ पर एक व्यापक चर्चा संसद सत्र के दौरान आयोजित की जाएगी। संसद का शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर को समाप्त हो रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में राज्य सभा ने सभापति सीपी राधाकृष्णन को सम्मानित किया। उच्च सदन में अपने पहले संबोधन में राधाकृष्णन ने सदस्यों से संविधान की मर्यादा बनाए रखने और सदन के नियमों के तहत परिकल्पित ‘लक्ष्मण रेखा’ का पालन करते हुए संसदीय मानदंड अपनाने का आग्रह किया।

उच्च सदन में विपक्ष के नेता खरगे ने राधाकृष्णन से विपक्ष और सत्ता पक्ष के साथ समान व्यवहार करने की अपील की। खरगे ने राधाकृष्णन के पूर्ववर्ती पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को भी याद किया जिसके बाद सत्ता पक्ष के सदस्यों ने आपत्ति जताई। खरगे ने कहा, ‘मैं पूर्व राज्य सभा अध्यक्ष के पद से अचानक इस्तीफा देने और अचानक जाने का उल्लेख करने के लिए विवश हूं। मैं निराश था कि इस सदन को उन्हें विदाई देने का अवसर भी नहीं मिला।’

खरगे ने सत्तारूढ़ दल से विपक्षी दलों में दरार नहीं डालने के लिए कहा। मगर ऐसे संकेत आए कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी खेमे से खुद को अलग कर रही है। टीएमसी ने सोमवार सुबह विपक्षी नेताओं की रणनीति बैठक में भाग नहीं लिया। इसके नेताओं ने यह संदेश दिया कि उनकी पार्टी ‘कांग्रेस की चुनावी सहयोगी नहीं थी’। हालांकि, तृणमूल एसआईआर  जैसे मुद्दों पर विपक्षी गुट के साथ मिलकर काम करेगी।

लोक सभा में एसआईआर पर हंगामे के बीच मणिपुर में जीएसटी कानून में संशोधन लागू करने के लिए एक विधेयक संक्षिप्त चर्चा के बाद पारित किया गया। शून्यकाल के 12 मिनट के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-2026 के लिए अनुदान की पूरक मांगों को पेश करने के अलावा तीन विधेयक पेश किए। इनमें केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025, और स्वास्थ्य सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025 शामिल थे।

First Published : December 1, 2025 | 10:44 PM IST