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Delhi pollution relief: प्रदूषित दिनों की संख्या घटी, अच्छे दिनों की संख्या बढ़ी

बीते 8 वर्षों के दौरान (2016 से 2023 की जनवरी-जून अवधि) अच्छे से मध्यम वायु गुणवत्ता वाले दिनों की संख्या सबसे अधिक है।

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- June 30, 2023 | 11:42 PM IST

दिल्ली वालों को इस साल प्रदूषित हवा से बड़ी राहत मिल रही है। इस साल की पहली छमाही में प्रदूषित दिनों की संख्या में गिरावट दर्ज गई की गई। बीते 8 वर्षों में कोविड प्रभावित 2020 को छोड़कर इस साल अब तक सबसे अच्छी वायु गुणवत्ता देखी जा रही है।

वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) मध्यम श्रेणी यानी 200 से नीचे रही। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए NCR और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) और विभिन्न हितधारकों के लगातार व्यापक और ठोस प्रयासों के साथ साथ अनुकूल मौसम संबंधी स्थिति ने बेहतर समग्र वायु गुणवत्ता प्राप्त करने में मदद की।

अच्छी से मध्यम गुणवत्ता वाले दिनों की संख्या बढ़ी

चालू वर्ष के पहले छह महीनों के दौरान दिल्ली में AQI पर अच्छे से मध्यम के रूप में वर्गीकृत दिनों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। बीते 8 वर्षों के दौरान (2016 से 2023 की जनवरी-जून अवधि) अच्छे से मध्यम वायु गुणवत्ता वाले दिनों की संख्या सबसे अधिक है।

इस दौरान इन दिनों की संख्या 101 दर्ज की गई, जबकि 2022 में 54 दिन, 2021 में 84 दिन, 2020 में 126 दिन, 2019 में 78 दिन, 2018 में 65 दिन, 2017 में 57 दिन और 2016 में अच्छे से मध्यम गुणवत्ता वाले दिनों की संख्या महज 30 ही थी। 2020 में इन दिनों की संख्या अधिक होने की वजह कोविड के कारण लॉकडाउन लगने से औद्योगिक गतिविधियां थमने से प्रदूषण पर अंकुश लगना है।

खराब से गंभीर गुणवत्ता वाले दिन सबसे कम

दिल्ली में बीते 7 वर्षों के दौरान वर्ष 2023 में जून तक कोविड के कारण 2020 को छोड़कर खराब से गंभीर वायु गुणवत्ता वाले सबसे कम दिन दर्ज किए गए। 2016 में खराब से गंभीर वायु गुणवत्ता वाले दिनों की संख्या 147 थी, जबकि 2023 में इन दिनों की संख्या घटकर 80 रह गई। इस अवधि के दौरान दिल्ली का औसत AQI मोडरेट श्रेणी यानी 200 से नीचे रहा। यह बीते 7 वर्षो में 2020 को छोड़कर सबसे कम है।

पीएम 10 और पीएम 2.5 का स्तर भी सबसे कम

इस साल पहली छमाही में 7 वर्षों की पहली छमाही की तुलना में पीएम 10 और पीएम 2.5 का स्तर भी 2020 की कोविड अवधि को छोड़कर सबसे कम दर्ज किया गया। 2016 की पहली छमाही में पीएम 10 का स्तर 292 और पीएम 2.5 का स्तर 137 था, जबकि चालू वर्ष की पहली में पीएम 10 का स्तर 202 और पीएम 2.5 का स्तर 91 दर्ज किया गया।

2016 के बाद 2020 को छोड़कर बाकी वर्षो की पहली छमाही में पीएम 10 का स्तर 202 से अधिक और पीएम 2.5 का स्तर 100 से ऊपर ही रहा। 2020 की पहली छमाही में लॉकडाउन के कारण पीएम 10 का स्तर में कोविड के कारण पीएम 10 का स्तर 158 और पीएम 2.5 का स्तर 80 था।

First Published : June 30, 2023 | 11:42 PM IST