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दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, फ्रेट कॉरिडोर राष्ट्रीय प्रगति के स्तंभ: मोदी

Published by
ध्रुवाक्ष साहा
Last Updated- February 12, 2023 | 11:17 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के पहले चरण का उद्घाटन करते हुए कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और माल ढुलाई के लिए पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डब्ल्यूडीएफसी) देश की आर्थिक समृद्धि के दो मजबूत स्तंभ होंगे।

प्रधानमंत्री ने राजस्थान में कहा, ‘आने वाले समय में ये दोनों परियोजनाएं दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर (डीएमआईसी) को मजबूत करने के साथ-साथ राजस्थान और पूरे क्षेत्र को बदल देंगी।’

दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे केंद्र की सबसे महंगी और महत्त्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में से एक है। एक्सप्रेसवे के 246 किलोमीटर के दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड के चलते दिल्ली और जयपुर के बीच की दूरी कम हो जाएगी और यात्रा का समय महज 3.5 घंटे तक ही रहने की उम्मीद है।

मोदी ने 5जी, गैस पाइपलाइनों, गोदामों और सौर संयंत्रों के लिए ऑप्टिकल फाइबर केबल लगाने के लिए एक्सप्रेसवे के साथ-साथ डेडिकेटेड कॉरिडोर के प्रावधान का जिक्र करते हुए कहा कि एक्सप्रेसवे की समग्र योजना से करोड़ों रुपये और समय की बचत होगी। प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा, ‘एक्सप्रेसवे का आसपास के सभी क्षेत्रों के विकास पर तेज प्रभाव पड़ेगा और यह देश के आर्थिक बदलाव में विशेषतौर पर योगदान देगा।’

केंद्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इसी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि एक्सप्रेसवे पर वर्तमान गति सीमा 120 किलोमीटर प्रति घंटे है, लेकिन एक्सेस-कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे में इससे भी बहुत अधिक रफ्तार के लिए क्षमता है। उन्होंने कहा कि केंद्र वर्तमान में इन मार्गों पर अधिकतम रफ्तार की सीमा बढ़ाने पर विचार-विमर्श कर रहा है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री और राजमार्ग मंत्री की ओर इशारा करते हुए कहा कि केंद्र ने राज्य में 50 सड़कों को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है, हालांकि, इसके लिए कोई राजपत्रित अधिसूचना जारी नहीं की गई है। उन्होंने इस प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग की ताकि इन सड़कों पर विकास से जुड़े काम प्राथमिकता के आधार पर किए जा सकें।

 करीब 1 लाख करोड़ रुपये की लागत वाला दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, सरकार की भारतमाला परियोजना का केंद्र बिंदु है, जिसमें राष्ट्रीय राजमार्ग के बुनियादी ढांचे में आमूल-चूल बदलाव लाने की परिकल्पना की गई है। भारतमाला को पूरा करने के लिए शुरुआती लक्ष्य वर्ष 2022 था, लेकिन सरकार और उद्योग के अनुमान के मुताबिक पूरी परियोजना वित्त वर्ष 2027 से पहले नहीं पूरी हो पाएगी। गडकरी ने कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के 2024 में पूरा होने की उम्मीद है।

इस बीच, डब्ल्यूडीएफसी पहले से ही आंशिक रूप से शुरू हो चुका है लेकिन महाराष्ट्र में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट (जेएनपीटी) के साथ कॉरिडोर को जोड़ने वाले महत्वपूर्ण अंतिम खंड में भूमि अधिग्रहण और निर्माण की खराब गति से जुड़े मुद्दों की वजह से इसमें अप्रत्याशित देरी हो रही है।

First Published : February 12, 2023 | 11:17 PM IST