Delhi liquor policy case: विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत की न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं से जुड़ी धन शोधन जांच के सिलसिले में 55 वर्षीय केजरीवाल को 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। संबंधित आबकारी नीति को बाद में रद्द कर दिया गया था।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत में दावा किया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी (आप) के मामलों से संबंधित मुद्दों पर एक बयान को लेकर अपनी पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष को ‘भ्रमित’ बताया।
ईडी ने यह भी आरोप लगाया कि पूछताछ के दौरान केजरीवाल ने कहा कि आप के संचार प्रभारी विजय नायर ‘उन्हें नहीं, बल्कि उनके कैबिनेट सहयोगियों आतिशी और सौरभ भारद्वाज को रिपोर्ट करते थे’ तथा नायर के साथ उनकी बातचीत ‘सीमित’ थी। इस मामले में नायर को ईडी ने गिरफ्तार किया था।
ईडी ने न्यायिक हिरासत के अनुरोध वाली अपनी याचिका में कहा कि 21 मार्च को गिरफ्तारी के बाद हिरासत में पूछताछ के दौरान केजरीवाल सवालों के गोलमोल जवाब देते नजर आए और जानकारी छिपाई। इसने पूर्व में केजरीवाल को कथित घोटाले का ‘सरगना और षड्यंत्रकारी’ कहा था।
आप और इसके नेताओं ने बार-बार आरोपों से इनकार किया है। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि यह मामला भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने यह दिखाने के लिए गढ़ा है कि आप एक ‘भ्रष्ट’ पार्टी है।
ईडी ने अदालत से कहा, ‘गिरफ्तार व्यक्ति (केजरीवाल) ने आप के अन्य सदस्यों के बारे में झूठे और विपरीत सबूत भी दिए हैं। जब उनसे (केजरीवाल) उनकी ही पार्टी के नेताओं द्वारा दिए गए बयानों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने उन्हें भ्रमित बताया।’
इसने कहा, ‘आप के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष एनडी गुप्ता (सीए और इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष) ने अपने बयान में खुलासा किया है कि राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ही राज्य चुनाव प्रभारी की नियुक्ति करते हैं।’
एजेंसी ने पूर्व में आरोप लगाया था कि आप नेताओं की ओर से नायर को ‘साउथ ग्रुप’ शराब लॉबी से 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मिली, जिसमें कथित तौर पर बीआरएस नेता के. कविता और अन्य शामिल हैं।