दिल्ली में लैंडफिल साइट (कूड़े के पहाड़) भी प्रदूषण का एक कारण है। दिल्ली सरकार इन कूड़ों के पहाड़ों को खत्म करने में जुट गई है। सरकार अब इन पहाड़ों से कचरा को हटाने के काम में तेजी लाने जा रही है। इन पहाड़ों से हटाए जाने वाली चीजों का इस्तेमाल भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की कई परियोजनाओं और दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ग्राउंड को समतल करने में किया जा रहा है। इन पहाड़ों को पार्क के रूप में विकसित जाएगा।
दिल्ली के कूड़ों के पहाड़ों से कब मिलेगी मुक्ति?
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि पिछली सरकार तो केवल पहाड़ों की बात करती थी। एक साल के अंदर हम यह सुनिश्चित करेंगे कि लैंडफिल की ऊंचाई कम हो और ग्रीन लैंड विकसित हो ताकि आने वाले दिनों में अच्छी परियोजनाएं शुरू की जा सकें। हमारा मिशन दिल्ली को साफ और सुंदर बनाना है। हम हर महीने तीनों लैंडफिल साइटों का निरीक्षण व दौरा करेंगे।
भलस्वा साइट से हटाई गई चीजों का इस्तेमाल NHAI की कई परियोजनाओं और DDA ग्राउंड को समतल करने में किया जा रहा है। दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिरसा ने कहा कि पहाड़ की ऊंचाई 60 मीटर से घटाकर 53 मीटर कर दी गई। अगले 3 से 4 महीने में इसमें ऊंचाई में 17 मीटर की कमी और की जाएगी। इस साल इस पहाड़ को खत्म कर दिया जाएगा और 2026 तक कूड़े का यह पहाड़ समतल हो जाएगा। इसी तरह अन्य पहाड़ों को समतल किया जाएगा।
कूड़ों के पहाड़ों पर होगी हरियाली
दिल्ली सरकार अब कूड़ों के पहाड़ों को हरा भरा बनाने जा रही है। दिल्ली के उप राज्यपाल और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आज भलस्वा लैंडफिल साइट पर Bamboo Plantation Drive की शुरुआत की। मुख्यमंत्री गुप्ता ने कहा कि भलस्वा लैंडफिल साइट पर आज एक नई शुरुआत हुई, जहां कभी कूड़े के पहाड़ थे, वहां अब हरियाली की नींव रखी गई।
सिरसा ने कहा कि भलस्वा लैंडफिल साइट पर अब पौधारोपण अभियान शुरू हो गया है। आज 2,000 बांस के पौधे लगाए गए हैं और आने वाले समय में इसमें 50 से 56 हजार बांस के पौधे लगाए जाएंगे। अब आने वाले समय में इन कूड़ों के पहाड़ों को पार्क के तौर पर जाना जाएगा।