प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में दूषित कफ सिरप पीने से 14 बच्चों की मौत होने के बाद अन्य राज्यों की सरकार भी हरकत में आ गई है। राज्य सरकारें अब बच्चों को कफ सिरप लिखने और देने पर निगरानी बढ़ा रही है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा सोमवार को मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सरकार को भेजी गई नोटिस के बाद यह कवायद की जा रही है। आयोग ने इन राज्यों की सरकारों से दूषित कप सिरप पीने के कारण बच्चों की हुई मौत मामले की जांच करने और नकली दवाओं की बिक्री पर तुरंत प्रतिबंध लगाने को कहा है।
मानवाधिकार आयोग ने भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से नकली दवाओं की आपूर्ति की जांच का आदेश देने और राज्यों की सभी क्षेत्रीय प्रयोगशालाओं को नकली दवाओं के नमूने इकट्ठा करने तथा परीक्षण रिपोर्ट भी प्रस्तुत करने के वास्ते निर्देश देने का आग्रह किया है।
वहीं, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को कहा कि छिंदवाड़ा में दूषित कफ सिरप पीने से बच्चों की हुई मौत के मामलों में दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश सरकार ने छिंदवाड़ा के ड्रग इंस्पेक्टर गौरव शर्मा, जबलपुर के ड्रग इंस्पेक्टर शरद कुमार जैन और खाद्य एवं औषधि प्रशासन के उप निदेशक शोभित कोष्टा को निलंबित कर दिया है और प्रदेश के ड्रग कंट्रोलर दिनेश मौर्या का स्थानांतरण कर दिया गया है।
छिंदवाड़ा में पीड़ित परिवारों से मिलने के बाद यादव ने कहा कि किसी भी जिम्मेदार व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई कर रही है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह सिरप जिस कंपनी से ये बनकर आया है, तमिलनाडु सरकार ने उस कंपनी पर भी कठोर कार्रवाई करने को कहा है। तमिलनाडु की फैक्टरी में जहां सिरप बन रहा था वह तरीका ही अमानक था। वहां की सरकार ने मामले को संज्ञान में लिया है।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने और दुकानों में मौजूद स्टॉक को जब्त करने का आदेश दिया था। छिंदवाड़ा और आसपास के जिलों में इस सिरप को बरामद करने के लिए एक व्यापक अभियान चलाया जा रहा है।
इससे पहले छिंदवाड़ा जिले के परासिया में 14 बच्चों और बैतूल में दो बच्चों की मौत के मामले में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उक्त सिरप लिखने वाले डॉ. प्रवीण सोनी और तमिलनाडु की श्रेसन फार्मास्युटिकल कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। डॉ. सोनी को गिरफ्तार कर लिया था और उनके मेडिकल स्टोर का ड्रग लाइसेंस भी तत्काल रद्द कर दिया गया था।