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अमेरिका के 50% टैरिफ से प्रभावित राज्यों को केंद्र का समर्थन, निर्यात बढ़ाने के लिए तीन-सूत्री योजना

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय देश से निर्यात में अहम भागीदार वाले राज्यों जैसे गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु को अधिक श्रम आधारित क्षेत्रों के लिए समर्थन देने के लिए कहेगा।

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असित रंजन मिश्र   
Last Updated- August 10, 2025 | 10:56 PM IST

अमेरिका द्वारा भारत पर 50 फीसदी शुल्क लगाने के ऐलान के बाद इसके संभावित असर से निपटने के लिए सरकार हरकत में आ गई है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय देश से निर्यात में अहम भागीदार वाले राज्यों जैसे गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु को अधिक श्रम आधारित क्षेत्रों के लिए समर्थन देने के लिए कहेगा। अमेरिकी शुल्क वृद्धि के कारण इन क्षेत्रों में रोजगार पर असर पड़ने की आशंका है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘सरकार निर्यातकों की सहायता करने के लिए विकल्प तलाश कर रही है। इसके साथ ही सरकार गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे राज्यों को भी दूसरे विकल्पों पर काम करने के लिए कहेगी। इन राज्यों की निर्यात में अहम भागीदारी है मगर अमेरिका द्वारा शुल्क बढ़ाए जाने से उन पर तगड़ा असर पड़ सकता है। हम जल्द ही इस संबंध में संबंधित राज्यों को पत्र भेजेंगे।‘

वित्त वर्ष 2025 में देश से हुए 437 अरब डॉलर मूल्य के कुल निर्यात में गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश इन पांच की हिस्सेदारी लगभग तीन चौथाई रही। ये सभी देश के शीर्ष पांच निर्यातक राज्यों में शामिल हैं।
वित्त वर्ष 2025 में गुजरात से हुए निर्यात में पेट्रोलियम उत्पादों (43.9 अरब डॉलर) की सर्वाधिक हिस्सेदारी रही।

इसके बाद अभियांत्रिकी सामान (16.6 अरब डॉलर), रत्न एवं आभूषण (8.3 अरब डॉलर) और परिधान (5.6 अरब डॉलर) की हिस्सेदारी रही। महाराष्ट्र से हुए निर्यात में अभियांत्रिकी सामान (22.5 अरब डॉलर) का दबदबा रहा जिसके बाद रत्न एवं आभूषण (13.7 अरब डॉलर), रसायन (8.1 अरब डॉलर), कृषि उत्पाद (5.4 अरब डॉलर) और परिधान (3.8 अरब डॉलर) की प्रमुखता रही। तमिलनाडु से सबसे ज्यादा अभियांत्रिकी सामान (18.1 अरब डॉलर) का निर्यात किया गया।

इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं (14.6 अरब डॉलर), कपड़ा (8 अरब डॉलर) और चमड़ा एवं उसके उत्पादों (1.6 अरब डॉलर) का दबदबा रहा। निर्यातकों ने आगाह किया है कि अमेरिका द्वारा शुल्क बढ़ाने से देश से होने वाले निर्यात के लिए गंभीर समस्या खड़ी हो गई है। उन्होंने कहा कि परिधान और चमड़ा एवं इससे बनी वस्तुओं के निर्यातकों को सबसे ज्यादा नुकसान होने की आशंका है।

केंद्र सरकार शुल्क वृद्धि से प्रभावित निर्यातकों को राहत देने के लिए एक तीन-सूत्री रणनीति पर काम कर रही है। सबसे पहले प्रस्तावित 2,250 करोड़ रुपये के निर्यात संवर्द्धन अभियान के तहत क्षेत्र आधारित योजना लाई जाएगी। अन्य उपायों में अधिशेष उत्पादों के लिए वैकल्पिक विदेशी बाजार खोजे जाएंगे और इसके बाद जो खेप बच जाएगी उससे घरेलू मांग पूरी की जाएगी।

अमेरिका द्वारा शुल्क बढ़ाने के बाद केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय ने शुक्रवार को कपड़ा क्षेत्र के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना बहाल कर दी।
रविवार को बेंगलूरु में विभिन्न मेट्रो परियोजनाओं के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें दोनों मिलकर लोगों की सेवा करेंगी।

First Published : August 10, 2025 | 10:56 PM IST