बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार | फाइल फोटो
बिहार सरकार ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए अगले पांच साल (2025-2030) में एक करोड़ युवाओं को सरकारी नौकरियां और रोजगार के अवसर देने का प्रस्ताव पास किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में श्रम विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। साथ ही, इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक 12 सदस्यीय कमेटी बनाई गई, जिसके प्रमुख विकास आयुक्त होंगे। यह कमेटी रोजगार के नए अवसर तलाशने और जरूरी फैसले लेने का काम करेगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को इस योजना का ऐलान करते हुए कहा था कि अगले पांच सालों में 2020-25 के लक्ष्य को दोगुना करते हुए एक करोड़ युवाओं को रोजगार दिया जाएगा। इसमें न सिर्फ सरकारी नौकरियां शामिल होंगी, बल्कि निजी क्षेत्र, खासकर औद्योगिक क्षेत्रों में भी रोजगार के नए मौके पैदा किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस काम के लिए एक हाई-लेवल कमेटी का गठन किया जा रहा है। कैबिनेट की बैठक के बाद कैबिनेट सचिवालय के अतिरिक्त मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने पत्रकारों को बताया कि यह प्रस्ताव युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम है।
कैबिनेट ने इस बैठक में 30 अन्य प्रस्तावों को भी हरी झंडी दिखाई। इनमें पटना में 15 अगस्त, 2025 से शुरू होने वाली मेट्रो रेल के पहले कॉरिडोर के रखरखाव के लिए 179 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि मंजूर की गई। इसके अलावा, तीन मेट्रो कार सिंगल सेट किराए पर लेने के लिए 21.15 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। यह तीन कोच वाला मेट्रो ट्रेन सेट 6.49 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड हिस्से पर चलेगा, जो मलाही पकड़ी से न्यू ISBT तक जाएगा। यह कॉरिडोर शहर के सबसे व्यस्त ट्रैफिक वाले इलाकों में से एक को कवर करेगा।
मुख्यमंत्री ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा था कि अब तक राज्य में 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां दी जा चुकी हैं और करीब 39 लाख लोगों को रोजगार मिला है। उन्होंने दावा किया कि 50 लाख से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी या रोजगार देने का लक्ष्य पूरा हो जाएगा। नीतीश कुमार ने यह भी बताया कि सात निश्चय कार्यक्रम के तहत युवाओं को स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग दी जा रही है, ताकि वे स्वरोजगार के अवसरों से जुड़ सकें। अगले पांच सालों में इस कार्यक्रम को और विस्तार दिया जाएगा।
विपक्षी नेता और राजद के तेजस्वी यादव ने इस फैसले पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार ‘बेहोशी की हालत’ में है। उन्होंने दावा किया कि एनडीए को आने वाले विधानसभा चुनावों में जनता सत्ता से बाहर कर देगी। तेजस्वी ने सवाल उठाया कि एक करोड़ नौकरियों के लिए फंड कहां से आएगा और सरकार से इस पर जवाब मांगा। उन्होंने कहा कि एनडीए के नेता वादे तो बड़े-बड़े करते हैं, लेकिन इन्हें पूरा नहीं करते।