महाराष्ट्र की राजनीति में शिवसेना के टूटने का दर्द नेताओं की जुबान से लगातार छलक रहा है। आदित्य ठाकरे दावा कर रहे हैं कि शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह केंद्रीय जांच एजेंसियों के डर की वजह से हुआ। हालांकि शिंदे गुट इन दावों का खंडन कर रहा है। वहीं आठवले ने राकापा नेता अजित पवार को मुख्यमंत्री पद का ऑफर देते हुए अपनी पार्टी में आने का खुलेआम न्योता दे डाला।
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता आदित्य ठाकरे ने दावा किया है कि पार्टी नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह करने से पहले, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उनके आवास पर आए थे और रोते हुए कहा था कि अगर वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल नहीं हुए तो उन्हें कोई केंद्रीय एजेंसी गिरफ्तार कर लेगी।
40 विधायकों ने अपनी सीट और पैसों के लिए शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह किया था। उन्होंने कहा कि मेरे दादा (बाल ठाकरे) का पहले भी कांग्रेस के साथ गठजोड़ था। उनके गांधी परिवार के साथ पहले भी अच्छे संबंध थे। उन्होंने प्रणब मुखर्जी और प्रतिभा पाटिल का खुलकर समर्थन किया था, वहीं भाजपा एक अन्य उम्मीदवार खड़ा कर रही थी।
ठाकरे ने कहा कि दूसरी ओर, भाजपा ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के साथ गठबंधन किया, जिसने आतंकवादियों का समर्थन किया था। शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि आदित्य ठाकरे के दावे सही हैं।
राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा कि शिंदे मुंबई के भांडुप इलाके में उनके घर भी आए थे और इसी तरह की बात की थी और वह जेल नहीं जाना चाहते हैं। राउत ने कहा कि उन्होंने शिंदे से कहा था कि भयभीत नहीं हों और उन्हें अन्याय के खिलाफ खड़ा होना चाहिए। शिवसेना के कई विधायक थे जिनके खिलाफ केंद्रीय एजेंसियां जांच कर रही थीं। राकांपा के खिलाफ भी ऐसा ही हो रहा है।
शिंदे नीत शिवसेना के विधायक संतोष बांगड़ ने आदित्य ठाकरे के दावे का खंडन करते हुए कहा कि भाजपा की ओर से कोई खतरा नहीं था। उन्होंने कहा कि ठाकरे परिवार के खिलाफ विद्रोह का कारण पार्टी का राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के साथ गठबंधन था।
इस विद्रोह में सभी विधायकों ने एकनाथ शिंदे का समर्थन किया। केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने भी कहा कि शिंदे के खिलाफ लगाए गए आरोप गलत हैं और शिंदे एक मजबूत व्यक्ति हैं और वह कभी नहीं रोएंगे।
राकांपा नेता अजित पवार के भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच आठवले ने कहा कि अजित पवार राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के भतीजे हैं, उन्होंने अजित पवार को कई विभाग और पद दे रखे हैं। मुझे लगता है कि वह अस्वस्थ थे और यही कारण है कि उनसे संपर्क नहीं हो सका। उन्हें नहीं लगता कि अजित पवार भाजपा में शामिल होंगे।
आठवले ने कहा कि अगर अजित पवार हमारी पार्टी में शामिल होते हैं तो मुझे खुशी होगी। अगर हमें मुख्यमंत्री पद के लिए मौका मिलता है, तो हम उन्हें यह अवसर देंगे। गौरतलब है कि पिछले शुक्रवार को कुछ राजनीतिक हलकों में पवार के अगले कदम को लेकर अटकलें शुरू हो गई थीं क्योंकि उनके कुछ कार्यक्रम रद्द हो गए थे और उनसे फोन पर संपर्क नहीं हो पा रहा था।
हालांकि, राकांपा नेता पवार ने शनिवार को कहा कि उन्होंने शुक्रवार के अपने कार्यक्रम इसलिए रद्द किए थे क्योंकि वह महाराष्ट्र की लंबी यात्राओं के बाद अस्वस्थ महसूस कर रहे थे।