टाटा समूह नियंत्रित विमानन कंपनी एयर इंडिया के मुख्य कार्याधिकारी एवं प्रबंध निदेशक कैंपबेल विल्सन ने अमहमदाबाद में हुई विमान दुर्घटना के बाद के हालात और उड़ानों के रद्द होने एवं संचालन संबंधी बाधाओं का जिक्र किया। कैंपबेल ने गुरुवार को सभी ‘फ्रीक्वेंट फ्लायर्स’ को भेजे ई-मेल में उक्त बातें साझा कीं। एक दिन पहले एयर इंडिया एवं टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने माना था कि 12 जून को हुई अहमदाबाद में दुर्घटना के बाद विमानन कंपनी और यात्रियों के बीच पर्याप्त संवाद नहीं हो रहा था।
एक समाचार चैनल को बुधवार शाम दिए साक्षात्कार में चंद्रशेखरन से जब यह पूछा गया यात्रियों के साथ एयर इंडिया पर्याप्त संवाद नहीं कर पा रही है तो उन्होंने कहा, ‘हां, यह बात सच है।’
चंद्रशेखरन ने कहा कि पिछले तीन दिनों में एयर इंडिया ने एक रणनीतिक संवाद टीम तैयार की थी और एक नियमित टीम पहले से ही यह काम कर रही है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने 12 जून को हुए हादसे और उसके बाद कई उड़ानें रद्द होने की घटना के पीछे के कारणों को स्पष्ट किया। चंद्रशेखरन की इस टिप्पणी के बाद एयर इंडिया ने देर रात एक व्यापक बयान जारी कर स्थिति की जानकारी दी।
विमानन कंपनी ने कहा कि 20 जून से मध्य जुलाई से चौड़ी पेटी (वाइड बॉडी) वाली इसकी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में 15 प्रतिशत रद्द की गई हैं। कंपनी ने इसके पीछे कई कारणों का हवाला दिया जिनमें डीजीसीए द्वारा 33 बी787 विमानों के अनिवार्य निरीक्षण, पश्चिम एशिया के कुछ हिस्सों में हवाई क्षेत्र के इस्तेमाल की पाबंदी, कुछ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर रात्रि कर्फ्यू और इंजीनियरिंग एवं उड़ान दलों द्वारा बरती जाने वाली सावधानियां शामिल हैं।
एयर इंडिया सीईओ ने ‘फ्रीक्वेंट फ्लायर्स’ को भेजे ई-मेल में विल्सन ने विमान हादसे में 241 यात्रियों एवं चालक दल के सदस्यों और जमीन पर 34 लोगों की मौत पर ‘गहरा दुख’ जताया। उन्होंने इस घटना को एक ‘दर्दनाक हादसा’ बताया। उन्होंने कहा कि एयर इंडिया अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है और हवाई दुर्घटना में प्रभावित परिवारों की मदद करने में कोई कोताही नहीं बरतेगी। उन्होंने ईम-मेल में लिखा, ‘हम प्रभावित परिवारों के लिए जो दर्द महसूस कर रहे हैं उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकते।’
विल्सन ने एआई 171 उड़ान के चालक दल की योग्यता का भी जिक्र किया। उन्होंने लिखा कि कैप्टन सुमित सभरवाल को चौड़ी पेटी के विमान उड़ाने का विशाल अनुभव (10,000 फ्लाइंग आवर्स) था और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंडर को 3,400 घंटे विमान उड़ाने का अनुभव था।
उन्होंने दावा किया कि उस उड़ान के रखरखाव से जुड़े सभी प्रकार के निरीक्षण किए गए थे। विल्सन ने लिखा, ‘विमान के रखरखाव में कोई कसर नहीं थी और जून 2023 में इसकी व्यापक जांच हुई थी। अगली जांच दिसंबर 2025 में होनी थी। इसका दाहिना इंजन मार्च 2025 में बदला गया था जबकि बाएं इंजन की जांच अप्रैल 2025 में हुई थी। विमान और इसके दोनों इंजनों की नियमित जांच हो रही थी और उड़ान से पहले किसी तरह की कोई कमी नजर नहीं आई थी।’
उन्होंने कहा कि उड़ान में कमी करने के निर्णय से प्रभावित यात्रियों से सीधे संपर्क किया जाएगा और उन्हें बिना किसी अतिरिक्त शुल्क पर दोबारा टिकट बुक करने की सुविधा या पूरी रकम लौटाने की पेशकश की जाएगी।
अहमदाबाद में एअर इंडिया विमान हादसे में 270 लोगों की मौत होने के एक सप्ताह बाद डीएनए मिलान के जरिए अब तक 215 मृतकों की पहचान कर ली गई है और 198 शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं। एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। कुल 242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को लेकर 12 जून को लंदन जा रहा एअर इंडिया का विमान एआई-171 अहमदाबाद के एक मेडिकल कॉलेज परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
इस हादसे में एक व्यक्ति को छोड़कर विमान में सवार सभी यात्रियों की मौत हो गई थी और जमीन पर मौजूद अन्य 29 लोग मारे गए थे। प्राधिकारी मृतकों की पहचान करने के लिए डीएनए जांच कर रहे हैं, क्योंकि कई शव इतने बुरी तरह से जल गए हैं कि उनकी पहचान नहीं की जा सकती। अहमदाबाद सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ राकेश जोशी ने संवाददाताओं को बताया, ‘अब तक 215 डीएनए नमूनों का मिलान किया जा चुका है और 198 शव संबंधित परिवारों को सौंप दिए गए हैं।’
डॉ. जोशी ने बताया कि जिन 198 लोगों के शव सौंपे गए हैं, उनमें 149 भारतीय, 32 ब्रिटिश, सात पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जमीन पर मारे गए नौ लोगों के शव भी उनके रिश्तेदारों को सौंप दिए गए हैं। घायलों में से छह लोग अभी अस्पताल में भर्ती हैं और सभी की हालत स्थिर है।