भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा है कि जमा रकम (डिपॉजिट) जुटाने में बैंक के सामने कोई बाधा नहीं आएगी। खारा ने कहा कि इस समय जमा जुटाने के लिए बैंकों में काफी होड़ चल रही है मगर इससे एसबीआई को मुश्किल नहीं होगी। इन दिनों बैंक बचतकर्ताओं को आकर्षित करने के लिए अल्प अवधि की जमा दरें बढ़ा रहे हैं।
पश्चिम भारत क्षेत्रीय परिषद के 38वें सम्मेलन के अवसर पर खारा ने कहा, ‘हम ऋण की रफ्तार बढ़ाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। मुझे लगता है कि जब तक हमलोग इस स्थिति में हैं तब तक किसी तरह की समस्या नहीं आएगी।’ जमा में कमी पर पूछे एक सवाल पर उन्होंने कहा कि कई भारतीय बैंकों ने सीमित अवधि की विशेष सावधि जमा (फिक्स्ड डिपॉजिट) योजनाएं शुरू की हैं जिन पर अधिक ब्याज की पेशकश की जा रही है।
देश के सबसे बड़े निजी कर्जदाता एचडीएफसी बैंक ने विशेष एफडी योजना शुरू की है। बैंक इस योजना में 35 और 55 दिनों की अवधि के लिए क्रमशः 7.35 फीसदी और 7.40 फीसदी ब्याज दे रहा है। यह दरें 3 करोड़ रुपये से कम जमा रकम पर लागू हैं। आईसीआईसीआई बैंक ने भी एफडी पर ब्याज 2 जुलाई 2024 से बढ़ा दिया है।
बैंक सामान्य ग्राहकों को 3 फीसदी से 7.20 फीसदी और वरिष्ठ नागरिकों को 3.5 फीसदी से 7.75 फीसदी ब्याज की पेशकश कर रहा है। बैंकिंग तंत्र में जमा जुटाने में आ रही दिक्कतों और तेजी से बढ़ते म्युचुअल फंड उद्योग के बीच खारा ने कहा कि विकासशील देशों में बैंकिंग प्रणाली बाजार के आकार से बड़ी होती है।
उन्होंने कहा, ‘जब हम विकसित देशों से तुलना करते हैं तो वहां बाजार बैंकिंग तंत्र से बड़े हो जाते हैं। मगर विकासशील देशों में अब तक बैंकिंग तंत्र का आकार बाजार से बड़ा रहा है। मुझे लगता है कि काफी कुछ निवेशकों की पसंद और बैंकिंग तंत्र द्वारा लाई जा रही योजनाओं पर निर्भर करेगा।’ चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में एसबीआई में ऋण आवंटन की वृद्धि दर सालाना आधार पर 15.39 फीसदी रही है।