सेंसेक्स और निफ्टी ने नई ऊंचाइयों को छुआ है। 30 शेयर वाले सूचकांक सेंसेक्स ने शुक्रवार को 60,000 और निफ्टी ने 17,900 के स्तर को पार किया। इन मुख्य सूचकांकों ने पिछले 12 महीनों में 60 प्रतिशत से ज्यादा का प्रतिफल दिया है। पिछले महीने, सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने 7.3 प्रतिशत का प्रतिफल दिया। उनके प्रतिफल कैलेंडर वर्ष में लगभग समान रहे हैं, जहां निफ्टी ने 27.4 प्रतिशत प्रतिफल दिया, वहीं सेंसेक्स के लिए यह आंकड़ा कुछ कमजोरी के साथ 25.5 प्रतिशत है।
सभी निवेशक वर्गों – एफपीआई, घरेलू निवेशकों और रिटेल निवेशकों का शुद्घ खरीदारी में योगदान रहा। एफपीआई ने जनवरी 2021 से 64,655 करोड़ रुपये की शुद्घ इक्विटी खरीदारी की है, जबकि घरेलू संस्थानों ने 22,635 करोड़ रुपये की खरीदारी की। म्युचुअल फंडों की इक्विटी एयूएम इस साल (1 जनवरी से 31 अगस्त, 2021 तक) 3.27 लाख करोड़ रुपये बढ़ीं।
छोटे निवेशक भी शुद्घ व्यक्तिगत खरीदारी बने रहे। छोटे शेयरों ने बड़े सूचकांकों को मात दी। निफ्टी मिडकैप 400 ने पिछले 12 महीनों के दौरान 83 प्रतिशत और पिछले महीने में 9.5 प्रतिशत का प्रतिफल दिया, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 250 ने इन अवधियों में 92 प्रतिशत और 9.3 प्रतिशत प्रतिफल दिया।
प्रमुख सूचकांक पिछली चार तिमाहियों से 27 के पीई के आसपास कारोबार कर रहे हैं। न्यून आधार को देखते हुए पीई अनुपात फरवरी 2021 के 41-42 के ऊंचे स्तर से घटा है, भले ही सूचकांकों में तेजी आई है। यह मजबूत संकेत है। इसका मतलब है कि मुनाफा वृद्घि शेयर भाव प्रतिफल से आगे है। ऐतिहासिक संदर्भ में, मूल्यांकन पांच वर्षीय पीई औसत 19 के मुकाबले काफी ज्यादा है।
तकनीकी तौर पर यह कहा जा सकता है कि नई ऊंचाइयों को छूने वाले सूचकांकों के लिए कोई सटीक लक्ष्य अनुमान नहीं है। निफ्टी के लिए 17,000-17,300 और सेंसेक्स के लिए 58,000-59,000 पर मजबूत समर्थन हासिल है। यह रुझान बेहद उत्साहित है। गति को ध्यान में रखकर खरीदारी करने वाले कारोबारियों द्वारा लंबे समय तक डटे रहने की संभावना रहेगी। कुछ 16,500-16,800 के दायरे में स्टॉप लॉस लगा सकते हैं, जो अन्य मजबूत समर्थन स्तर है और इसमें ऑप्शन सेगमेंट में बड़ी तादाद में ओपन इंटरेस्ट दर्ज किया जा सकता है।
हरेक सेक्टर का अच्छा प्रदर्शन रहा है। लेकिन पिछले महीने के दौरान सेक्टर के प्रदर्शन से कुछ बदलाव देखने को मिला है। जहां धातु ने पिछले साल के दौरान 149 प्रतिशत का प्रतिफल दिया वहीं पिछले महीने उसने सिर्फ 0.98 प्रतिशत प्रतिफल दर्ज किया। इस क्षेत्र में बिकवाली चीन में वृद्घि से जुड़ी आशंकाओं के बीच हुई है।
फार्मा शेयरों (2.9 प्रतिशत प्रतिफल) ने कमजोर प्रदर्शन किया है और यही स्थिति पीएसयू बैंकों (3.5 प्रतिशत) की रही। एफएमसीजी (7.5 प्रतिशत) प्रदर्शन सूचकांक के अनुरूप रहा, जबकि वाहन (6 प्रतिशत से ज्यादा) कमजोर रहा है।
पिछले महीने के दौरान बड़ी तेजी रियल्टी, ऊर्जा, मीडिया, आईटी और निजी बैंकों से दर्ज की गई। मीडिया का प्रदर्शन (एक महीने में 33.9 प्रतिशत) समाचार-आधारित है, और मुख्य तौर पर यह तेजी जी एंटरटेनमेंट (85.5 प्रतिशत) और डिश टीवी (74.9 प्रतिशत) से आई। ऊर्जा (11 प्रतिशत) ने अस्थिर प्रतिफल दिया। रिलायंस इंडस्ट्रीज (13.5 प्रतिशत), इंडियन ऑयल (10.6 प्रतिशत) और ओएनजीसी (19.8 प्रतिशत) की मजबूती ने अदाणी ग्रीन (-9.5 प्रतिशत) और बीपीसीएल (-9.1 प्रतिशत) की कमजोरी की भरपाई की। आईटी (9.7 प्रतिशत) को एलऐंडटी इन्फोटेक (25.4 प्रतिशत), माइंडट्री (31.7 प्रतिशत), एम्फेसिस (20.25 प्रतिशत), और एचसीएल टेक (17.9 प्रतिशत) में बड़ी तजी से मदद मिली।
रियल्टी (एक महीने में 33.2 प्रतिशत) ने 12 महीने में 136.85 प्रतिशत का प्रतिफल दिया है। निफ्टी रियल्टी सूचकांक में प्रत्येक शेयर का प्रतिफल अच्छा रहा है। कई शेयरों ने पिछले महीने में दो अंक का प्रतिफल दिया। बेहतर प्रदर्शकों में गोदरेज प्रॉपर्टीज (50 प्रतिशत), ओबरॉय रियल्टी (39.2 प्रतिशत), सनटेक रियल्टी (37.5 प्रतिशत), और शोभा (37.3 प्रतिशत) शामिल रहे।
आंकड़े से संकेत मिलता है कि धातु और रियल्टी से कुछ बिकवाली हुई है, जबकि आईटी मजबूत प्रदर्शक बना हुआ है। दूसरी तिमाही के अच्छे नतीजों की उम्मीद में पिछले महीने येस बैंक, इंडसइंड और आरबीएल जैसे निजी क्षेत्र के बैंकों में पोजीशन बनीं।
