हीरो होंडा मोटर्स
सिफारिश : 834 रुपये
मौजूदा भाव : 846.80 रुपये
लक्ष्य : 1,060 रुपये
बढ़त : 25.2 प्रतिशत
ब्रोकर : मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज
वित्त वर्ष 2009 की तीसरी तिमाही में हीरो होंडा का राजस्व 4.8 फीसदी बढ़कर 2,870 करोड़ रुपये हो गया।
इस बढ़ोतरी की प्रमुख वजह 9 फीसदी की उच्च वसूली रही। हालांकि कारोबार में 4 फीसदी की गिरावट हुई, वहीं इसकी खुदरा बिक्री में 3.5 फीसदी तक का इजाफा हुआ।
वित्त वर्ष 2009 की पहली छमाही में कीमतों में हुई बढ़ोतरी और दिसंबर 2008 में उत्पाद शुल्क में कटौती के चलते कंपनी की राजस्व वसूली में सुधार देखा गया। कंपनी का कर पूर्व आय (ईबीआईटीडीए) मार्जिन 0.4 फीसदी की बढ़त के साथ 14.3 फीसदी हो गया।
जिंस कीमतों में भारी गिरावट होने से कच्चे माल की कीमतों में तिमाही दर तिमाही 2.4 फीसदी की कमी आई। उम्मीद है कि इस गिरावट का लाभ कंपनी को चौथी तिमाही में भी मिलेगा।
हरिद्वार संयंत्र चालू होने से चौथी तिमाही में इसके मार्जिन में 1 फीसदी का इजाफा होगा।
अन्य आय में कमी और अधिक करों की वजह से पीएटी (कर के बाद मुनाफा) सालाना बढ़ोतरी 9.2 फीसदी के साथ 300 करोड़ रुपये रही। ब्रोकर कंपनी ने 2009 के अपने अनुमानों में 2.4 फीसदी तक संशोधन कर इसे 60.9 रुपये कर दिया है।
इसका शेयर वित्त वर्ष 2009 की अनुमानित आय के 13.8 गुना पर और वित्त वर्ष 2010 की अनुमानित आय के 11.1 गुना पर कारोबार कर रहा है।
अल्ट्राटेक सीमेंट
सिफारिश : 380 रुपये
मौजूदा भाव : 395.20 रुपये
लक्ष्य : 435 रुपये
बढ़त : 10.1 फीसदी
ब्रोकर : एमके ग्लोबल फाइनैंशियल सर्विसेज
अल्ट्राटेक सीमेंट की शुद्ध आमदनी वित्त वर्ष 2009 की तीसरी तिमाही में 18 फीसदी बढ़कर 1,417 करोड़ रुपये हो गई। तेजी की वजह आयतन में 6 फीसदी और प्राप्तियों में 12 फीसदी की वृद्धि रही है।
आयतन में वृद्धि कर्नाटक और आंध्र प्रदेश स्थित ग्राइंडिंग यूनिट में उत्पादन बढ़ने के चलते हुई है। ऊर्जा और ईंधन लागत में तेज वृद्धि के चलते उत्पादन लागत बढ़कर 1,154 रुपये प्रति टन हो गई।
सालाना लिहाज से यह तेजी 54 फीसदी की रही। कर पूर्व आय में इस चलते 7.7 फीसदी की कमी हुई और यह 450 करोड़ रुपये रह गई। अनुमान से ज्यादा वसूली होने से शुद्ध मुनाफा 238 करोड़ रुपये हो गया।
तीसरी तिमाही के दौरान ब्याज खर्च बढ़कर दोगुने से भी अधिक हो गया है। इसकी पूंजी खर्च योजना 1,000 करोड़ रुपये की है। ब्रोकर कंपनी ने 2009 के लिए आय अनुमान में 2.5 फीसदी और 2010 के लिए 12.5 फीसदी का संशोधन किया है।
रोल्टा इंडिया
सिफारिश : 88 रुपये
मौजूदा भाव : 73.60 रुपये
लक्ष्य : 163 रुपये
बढ़त : 121.5 फीसदी
ब्रोकर : यूएलजेके सिक्योरिटीज
भारतीय इंजीनियरिंग डिजाइन ऑटोमशन (ईडीए) बाजार में रोल्टा इंडिया लिमिटेड की हिस्सेदारी 90 फीसदी है। देश के जियोस्पैशियल इंटेलिजेंस सॉल्यूशंस (जीआईएस) बाजार में कंपनी की हिस्सेदारी 70 फीसदी की है।
दूसरी ओर वित्त वर्ष 2008 के दौरान ई-सॉल्यूशंस सेगमेंट में कंपनी ने 120 फीसदी की विकास दर दर्ज की। 3 साल में इस क्षेत्र की राजस्व में हिस्सेदारी 9 से बढ़कर 18 फीसदी हो गई। इसके बजाय जीआईएसईडीए कारोबार की राजस्व में हिस्सेदारी घटी है।
पिछले 4 साल में यह 90 से घटकर 80 फीसदी रह गई है। इससे तेल और गैस रिफाइनरियों की समस्याओं का कंपनी समाधान दे सकेगी। इन सेवाओं का बाजार करीब 1 अरब डॉलर का है।
हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी
सिफारिश : 43 रुपये
मौजूदा भाव : 41.05 रुपये
लक्ष्य : 38 रुपये
गिरावट : 7.4 फीसदी
ब्रोकर : इंडिया इंफोलाइन
हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी (एचसीसी) का राजस्व तीसरी तिमाही में 9.3 फीसदी बढ़कर 820 करोड़ रुपये हो गया। राजस्व वृद्धि दर बहुत ज्यादा न रहने की वजह जम्मू व कश्मीर और उत्तर प्रदेश में कंपनी के काम में व्यवधान पड़ना रही है।
कंपनी का ब्याज खर्च तेजी से बढ़कर 57.3 करोड़ रुपये हो गया। तिमाही लिहाज से ब्याज लागत में 16 फीसदी और सालाना लिहाज से 40 फीसदी की वृद्धि हुई।
अनुमान से यह काफी ज्यादा रहा है। विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बॉन्ड (एफसीसीबी) से हुए घाटे को देखते हुए कंपनी ने वित्त वर्ष 2009 की दूसरी तिमाही के लिए अपनी लेखा नीति बदल ली।
इस बदलाव के चलते तीसरी तिमाही में कंपनी का शुद्ध मुनाफा 24.58 करोड़ रुपये चढ़ गया। इस बीच कंपनी का कर्ज 2,500 करोड़ रुपये हो गया है। इससे कर्ज-पूंजी अनुपात 2.2 हो गया है। इसके शुद्ध मुनाफे में 7.4 फीसदी की सालाना कमी हुई और यह 23.2 करोड़ रुपये रह गया है।
प्रबंधन ने संकेत दिया है कि इस वित्त वर्ष के अंत तक उसके पास 17 हजार करोड़ रुपये का ऑर्डर हो जाएगा। ब्रोकर ने 2009 और 2010 दोनों ही वित्त वर्ष के लिए आय अनुमान में 7 फीसदी की कमी की है।
पेट्रोनेट एलएनजी
सिफारिश: 36 रुपये
मौजूदा भाव: 33.50 रुपये
लक्ष्य: 52 रुपये
बढ़त: 55.2 प्रतिशत
ब्रोकर: एंजिल ब्रोकिंग
पेट्रोनेट एलएनजी का आर-एलएनजी आयतन मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में बढ़कर 85.1 टीबीटीयू (थाउजंड ब्रिटिश थर्मल यूनिट) हो गया है। सालाना लिहाज से यह बढ़ोतरी 6 फीसदी की जबकि तिमाही आधार पर 13.4 फीसदी की रही।
राजस्व में सालाना लिहाज से 56.4 फीसदी की बढ़त हुई और यह 2,473 करोड़ रुपये हो गया। आयतन बढ़ने और रुपये में 23 फीसदी की कमी होने से ऐसा हुआ है।
रत्नागिरि गैस एंड पावर से किए वायदे पूरा करने के लिए कंपनी ने ऊंची कीमत पर गैस खरीदी पर इसका पूरी तरह स्थानांतरण नहीं हो सका।
ऐसे में इसका औसत नेटबैक 28.45 रुपये प्रति टीबीटीयू से घटकर 25.32 रुपये रह गया। प्रबंधन का कहना है कि भविष्य में प्रति टीबीटीयू नेटबैक में वृद्धि हो सकती है।