केयर्न इंडिया
सिफारिश भाव: 160 रुपये
मौजूदा भाव: 159.75 रुपये
लक्ष्य: 240 रुपये
ब्रोकरेज: कोटक सिक्योरिटीज
केयर्न इंडिया ने राजस्थान ब्लॉक में तेल और गैस के भंडार खोजे हैं और इस खबर से कंपनी के शेयरों में मजबूती आ सकती है।
हालांकि कंपनी प्रबंधन ने खोजे गए गैस एवं तेल भंडार के विषय में खुलासा नहीं किया है, पर इतना तो तय है कि कंपनी का ईंधन का भंडार बढ़ा है।
ब्रोकरेज कंपनी का मानना है कि कच्चे तेल की कीमतों में आई जबरदस्त गिरावट से केयर्न के शेयरों को भी नुकसान पहुंचा है। यानी कच्चे तेल की कीमतें घटने से कंपनी के शेयरों के भाव भी घटे हैं। ब्रोकरेज कंपनी ने अनुमान व्यक्त किया है कि कैलेंडर वर्ष 2013 में कच्चे तेल की कीमतें प्रति बैरल 75 डॉलर के आस पास रहेंगी।
इस लिहाज से जब धीरे धीरे कच्चे तेल की कीमतें वापस ऊपर चढ़ेंगी तो कंपनी के शेयरों में भी तेजी आएगी। निवेशकों को इस अवसर का फायदा उठाने की सलाह दी गई है। कंपनी के शयरों को खरीदने की सलाह दी जाती है।
एडुकॉम्प सॉल्युशंस
सिफारिश भाव: 2,804 रुपये
मौजूदा भाव: 2,409 रुपये
लक्ष्य: 3,550 रुपये
ब्रोकरेज: के आर चोक्सी शेयर्स ऐंड सिक्योरिटीज
एडुकॉम्प सॉल्युशंस ने इस तिमाही में स्मार्ट क्लास प्रोग्राम के तहत 231 स्कूलों को शामिल किया है। इस प्रोग्राम के साथ 1,267 स्कूल जुड़ चुके हैं।
इसके साथ ही इंस्ट्रक्शनल और कम्पयूटिंग तकनीक (आईसीटी) सेगमेंट, जिसके तहत सरकारी स्कूलों में शिक्षा से जुड़ी बुनियादी सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं, में भी कुछ ऐसी ही तेजी देखने को मिली है।
इस तिमाही में आईसीटी स्कूलों की सूची में 1,626 स्कूल जोड़े गए और 14 राज्यों में इनकी कुल संख्या बढ़कर 8,915 हो गई। इसी तिमाही में एडुकॉम्प ने 39 करोड़ रुपये में यूरोकिड्स इंटरनेशनल में 50 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी।
यूरोकिड्स भारत में 400 से अधिक प्री-स्कूल चलाती है और वह पिछले सात से अधिक वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में है। इस अधिग्रहण से एडुकॉम्प का पोर्टफोलियो बेहतर हुआ है।
मिलेनियम स्कूल कारोबार में भी एडुकॉम्प का दखल है और उसने ऐसे स्कूलों की संख्या बढ़ाकर 11 कर ली है। कंपनी ने अपनी परियोजनाओं की फंडिंग के लिए एक्सिस बैंक से 725 करोड़ रुपये का ऋण और डिबेंचर प्राप्त किया है।
कंपनी आने वाले दिनों में तीन और शहरों में स्कूल खोलने जा रही है, जो जून 2009 तक बन कर तैयार हो जाएंगी। कंपनी के शेयरों में खरीद जारी रखने की सलाह दी गई है।
बजाज हिंदुस्तान
सिफारिश भाव: 60 रुपये
मौजूदा भाव: 63.80 रुपये
लक्ष्य: 58.5 रुपये
ब्रोकरेज: इंडिया इन्फोलाइन
बजाज हिंदुस्तान (बीजेएच) को वित्त वर्ष 08 में 47.2 करोड़ रुपये का समायोजित नुकसान हुआ है। इस नुकसान की वजह ऊंची ब्याज दरें रही हैं। उच्च न्यायालय ने प्रति क्विंटल 140 रुपये के राज्य प्रशासनिक मूल्य (सैप) के संबंध में हाल ही में एक फैसला सुनाया था।
फैसले में प्रति क्विंटल 10.58 रुपये के परिवहन मूल्य को समायोजित करने का आदेश था, जिससे बीजेएच के पास ऊंची ब्याज दरों की भरपाई को संतुलित करने का कोई विकल्प ही नहीं बचा था।
वित्त वर्ष 2010 में एथनॉल की कीमतों में बहुत अधिक सुधार आने की उम्मीद नहीं हैं और कच्चा तेल भी प्रति बैरल 45 डॉलर के आस पास बना हुआ है।
ऐसे में तेल कंपनियां कच्चे तेल में एथनॉल की मिलावट के लिए उत्साहित नहीं हैं। विदेशी मुद्रा ऋण से कंपनी की आय पर असर पड़ सकता है।
ब्रोकरेज कंपनी ने वित्त वर्ष 09 और वित्त वर्ष 10 के लिए आय के अनुमान की समीक्षा की है और इसे घटाकर क्रमश: 21 और 31 फीसदी कर दिया है। निवेशकों के पोर्टफोलियो में से कंपनी के शेयरों को घटाने की सलाह दी जाती है।
एचसीएल टेक्नोलॅजिज
सिफारिश भाव: 134 रुपये
मौजूदा भाव: 113.35 रुपये
लक्ष्य: 144 रुपये
ब्रोकरेज: एमके ग्लोबल फाइनैंशियल सर्विसेज
एचसीएल टेक्नोलॅजिज (एचसीएल टेक) ने हाल ही में घोषणा की है कि उसने 70.1 करोड़ डॉलर में एक्सॉन का अधिग्रहण पूरा कर लिया है।
एक्सॉन को खरीद एचसीएल टेक अपनी सैप कंसल्टिंग क्षमताओं का विस्तार कर सकती है, पर मैक्रो अर्थव्यवस्था के हालात बिगड़ने के कारण एक्सॉन का कारोबार भी प्रभावित हो सकता है।
एचसीएल टेक के मुताबिक कंपनी ने दिसंबर 2008 तिमाही में अब तक 1 अरब डॉलर का ठेका प्राप्त किया है। हालांकि कंपनी को अपने मौजूदा ग्राहकों के साथ कारोबार में नुकसान भी उठाना पड़ा है, तो कंपनी के लिए यह संतुलित मौका है।
वित्त वर्ष 2010 में एचसीएल टेक की राजस्व विकास दर 11 फीसदी के करीब रहने का अनुमान है, जो उसके साथ की कंपनियों की तुलना में अधिक है। एक्सॉन का मुनाफा कम रहने के कारण एचसीएल के मुनाफे पर दबाव बना रह सकता है। कंपनी के शेयरों के लिए ‘न्यूट्रल’ रेटिंग दी गई है।
फेडरल बैंक
सिफारिश भाव: 147 रुपये
मौजूदा भाव: 157 रुपये
लक्ष्य: 178 रुपये
ब्रोकरेज: रेलिगेयर हिचेन्स, हैरिसन ऐंड कॉरपोरेशन
ब्याज दरों में कटौती का फायदा फेडरल बैंक को हो सकता है। सितंबर 2008 के आखिर में बैंक का 33 फीसदी निवेश बिक्री के लिए उपलब्ध श्रेणी में था, जिसकी मियाद 3.8 वर्षों के लिए थी।
हालांकि, कुछ ऐसे समीकरण बन सकते हैं जिसकी वजह से बैंक का वह लाभ कम हो सकता है, जो कम ब्याज दर के कारण उसे मिल सकता है।
वित्त वर्ष 2009 की पहली छमाही में बैंक का सकल और कुल एनपीए क्रमश: 2.62 और 0.4 फीसदी था। ग्राहकों ने ऋण लेना कम किया है और फेडरल बैंक का ऋण-जमा का अनुपात भी घट सकता है। आरबीआई ने ब्याज दरें घटाई हैं और ऐसी संभावना है कि फेडरल बैंक भी अपना प्राइम लेंडिंग रेट घटा दे।
इसके साथ साथ इनक्रीमेंटल इनवेस्टमेंट पर घटी हुई ब्याज दरों के कारण बैंक की ब्याज से होने वाली कुल आय घट सकती है। वित्त वर्ष 09 की दूसरी तिमाही के आखिर में ही प्रबंधन ने यह संकेत दे दिए थे कि मुनाफा पिछली तिमाही के स्तर पर बरकरार रहने की संभावना नहीं है। कंपनी के शेयरों को खरीदने की सलाह दी जाती है।