प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने नियमों को 244 मास्टर दिशानिर्देश में एकजुट कर दिया है। इसका उद्देश्य विनियमनों को आसान करना है- इससे वित्तीय क्षेत्र की इकाइयों के लिए नियमों का पालन करने का दबाव कम हो जाएगा।
विनियमन विभाग के जारी 9,000 से अधिक परिपत्र/दिशानिर्देश को 244 मास्टर डायरेक्शन (एमडी) में एकजुट किया गया है। ये विनियमित संस्थाओं की प्रत्येक श्रेणी के लिए विशिष्ट हैं। इन दिशानिर्देशों के जारी होने के बाद 9445 परिपत्र को निरस्त/ वापस लिया जा रहा है।
इसमें नाबार्ड के क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, राज्य सहकारी बैंकों और केंद्रीय सहकारी बैंकों को जारी दिशानिर्देश को शामिल किया गया है। इस सिलसिले में नाबार्ड से भी परामर्श किया गया है।
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भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एससी मुर्मू ने मीडियो को संबोधित करते हुए कहा, ‘ यह एक बार की गई कार्रवाई थी। यह बहुत बड़ा सफाई अभियान था।’ रिजर्व बैंक 11 प्रकार की इकाइयों को विनियमित करता है। इनमें वाणिज्यिक बैंक, लघु वित्त बैंक, पेमेंट बैंक, लोकल एरिया बैंक, ग्रामीण क्षेत्रीय बैंक, शहरी सहकारी बैंक, ग्रामीण सहकारी बैंक, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) सहित अन्य हैं।
डिप्टी गवर्नर मुर्मू ने नियमों को कम करने का श्रेय गवर्नर संजय मल्होत्रा को दिया। गवर्नर समयबद्ध समय में कम समयावधि में इस कार्रवाई को पूरा करने के इच्छुक थे।