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भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने स्पष्ट किया है कि यदि जानकारी में कोई परिवर्तन नहीं होता है, तो ग्राहकों को बैंक शाखा जाकर दोबारा KYC (अपने ग्राहकों को जाने) कराने की आवश्यकता नहीं है। इसके साथ ही पता भी अद्यतन कराने के लिए बैंक शाखा जाने की जरूरत नहीं है।
बैंकों को सूचित किया गया है कि वे सभी ग्राहकों को इस तरह की स्व-घोषणा की सुविधा विभिन्न माध्यमों जैसे कि पंजीकृत ईमेल-आईडी, पंजीकृत मोबाइल नंबर, एटीएम, डिजिटल चैनल (ऑनलाइन बैंकिंग / इंटरनेट बैंकिंग) मोबाइल एप्लिकेशन, पत्र, आदि से दें। आरबीआई ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर रहा है कि इन कार्यों के लिए बैंक शाखा में जाने की आवश्यकता नहीं है।
यह ग्राहकों के लिए एक बड़ी राहत है क्योंकि उन्हें फिर से केवाईसी प्रक्रिया के लिए बैंक शाखाओं का दौरा नहीं करना पड़ेगा। यदि केवल पते में परिवर्तन होता है, तो ग्राहक इनमें से किसी भी माध्यम से अद्यतन पता प्रस्तुत कर सकते हैं, जिसके बाद बैंक दो महीने के भीतर घोषित पते का सत्यापन करेगा। आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार संख्या होने का प्रमाण, मतदाता पहचान पत्र, मनरेगा द्वारा जारी जॉब कार्ड और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर द्वारा जारी पत्र है।
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आरबीआई ने कहा, ‘ताजा केवाईसी प्रक्रिया किसी बैंक शाखा में जाकर या वीडियो आधारित ग्राहक पहचान प्रक्रिया (वी-सीआईपी) के माध्यम से की जा सकती है।’ बैंकिंग नियामक ने बैंक ग्राहकों को प्रोत्साहित किया है कि वे अपने बैंक से उपलब्ध विभिन्न विकल्पों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए फिर से केवाईसी पूरा करने के लिए बैंक शाखा में जाकर या वी-सीआईपी के माध्यम से प्राप्त करें।