केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को 2047 तक अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा वितरित कुल ऋण राशि का कम से कम 50 प्रतिशत ऋण देने का लक्ष्य रखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बैंक ऋण पर जोखिम भार की बहाली और वित्तीय स्थिति सुधरने के ऋण की संभावनाओं में और सुधार की उम्मीद है। वित्त मंत्री ने कहा कि वित्तीय समावेशन का इस्तेमाल वित्तीय शोषण के लिए नहीं किया जा सकता है।
नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित एनबीएपसी कॉन्क्लेव में सीतारमण ने कहा कि रिजर्व बैंक के हाल के कदमों से इस क्षेत्र के फंड की लागत घटी है और इस घटी लागत का लाभ ग्राहकों को दिया जाना चाहिए।