वित्त-बीमा

NBFC को ऋण के कई स्रोत बनाना जरूरी

बैंकों पर NBFC की निर्भरता में मामूली गिरावट, लेकिन ऋण जुटाने का मुख्य स्रोत अब भी बैंक

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सुब्रत पांडा   
Last Updated- December 26, 2024 | 10:26 PM IST

गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को जोखिम कम करने की रणनीति के तहत धन जुटाने के स्रोतों का और विविधीकरण करने की आवश्यकता है। भारतीय रिजर्व बैंक ने रुझान और प्रगति रिपोर्ट में कहा कि एनबीएफसी की धन जुटाने के लिए बैंकों पर हालिया समय में निर्भरता कुछ कम हुई है लेकिन यह अभी भी उच्च स्तर पर है।

बैंक एनबीएफसी को सीधे ऋण मुहैया कराने के अलावा उन्हें डिबेंचर व वाणिज्यिक पत्र (सीपी) जारी करते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, ‘बैंकों के डिबेंचर जारी करने में गिरावट से एनबीएफसी की बैंकों पर निर्भरता कुछ कम हुई है। एनबीएफसी के ऋण जुटाने में बैंकों पर निर्भरता की हिस्सेदारी मार्च 2024 के अंत में गिरकर 42.7 प्रतिशत हो गई जबकि यह हिस्सेदारी मार्च 2023 में 43.1 प्रतिशत थी।’

रिजर्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘एनबीएफसी का धन जुटाने के लिए बैंकों पर निर्भरता कम होना पूरी अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत है।’ इसके बावजूद एनबीएफसी के लिए ऋण जुटाने का बुनियादी स्रोत बैंक ही है। इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग ऐंड फाइनैंशियल सर्विसिज (आईएलऐंडएफएस) संकट के कारण एनबीएफसी क्षेत्र को नकदी की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इससे एनबीएफसी का भरोसा और रेटिंग के स्तर में गिरावट आई है। इसके परिणामस्वरूप एनबीएफसी की बाजार से धन जुटाने की क्षमता सीमित हुई है और उनकी बैंकों पर निर्भरता बढ़ी है। यह स्थिति महामारी के दौरान और खराब हो गई।

First Published : December 26, 2024 | 10:26 PM IST