जब आप क्लज काउंटी की आबादी की तुलना मुंबई के 2.3 करोड़ लोगों से करते हैं तो वाकई आपका पैमाना बदल जाता है। इसके बावजूद घर लौटते किसी पियक्कड़ को चर्चगेट पर रुका देख कर एक प्रेरणा का आभास होता है।
हमारे पास धर्म, अर्थशास्त्र, भावनाएं, शराब, गणित, पैटर्न और चक्रीयता थे। किसी पियक्कड़ की तरह मानव भी अचानक कुछ होने पर अनिश्चितताओं को दोष देकर खुद को तसल्ली देता है। हमने अनिश्चितताओं और अनियमितताओं के बारे में लिखा था।
इस बार हम एक कदम आगे बढ़ कर टेक्नोलॉजी सेक्टर के इंडेक्स पर लिख रहे हैं जो कि खराब कंपनी संचालन की आती खबरों और वैश्विक बाजारों की अनिश्चितताओं के कारण निवेशकों का प्रिय नहीं रह गया है।
जॉन एफ. एहलर्स ने मेसा और ट्रेडिंग मार्केट साइकल्स में विश्लेषण किया है कि कैसे शराबी के इधर-उधर पड़ते कदमों से भी एक पैटर्न बनता है।
कीमत के लिहाज से दिशा ऊपर-नीचे कुछ भी हो सकती है, अगर इसे छोड़ दें तो समय का कारक काफी महत्वपूर्ण है। और यह आगे बढ़ता है। इसलिए बाजार की अनिश्चित गति का भी एक पैटर्न है, एक चक्र है जो खुद बाजार बनाता है।
यही कारण है कि एक सिरा पकड़ कर कोई भी समूचा ढांचा खड़ा कर सकता है। यह भी एक वजह है कि डाऊ किस दिशा में जाएगा, यह समझने के लिए उभरते बाजारों के संकेतों की तरफ देखा जाता है।
कम प्रदर्शन करने वालों का अध्ययन करके प्रदर्शन करने वालों की दिशा को समझा जा सकता है। इतना ही नहीं क्योंकि प्रदर्शन अपने आपमें एक चक्रीय प्रक्रिया है। यहां तक कि एक ब्लू चिप दूसरे सेक्टर या शेयर की तुलना में उस समय कमजोर प्रदर्शन कर सकता है जब प्रदर्शन चक्र उसके उलट हो जाए।
यही कारण है कि लोंग सीएनएक्स आईटी बनाम शॉर्ट निफ्टी जैसे जोड़े विचित्र रणनीति नहीं हैं। अतीत के अग्रणी सेक्टरों ने अपने खिलाफ उन्माद के चक्र को उलटते देखा है। ये चक्र यह बताते हैं कि नफरत इंतिहा की हद तक पहुंच चुकी है और टेक्नोलॉजी में जल्द ही बेहतर प्रदर्शन होगा।
मुझे याद है कि 2007 की शुरुआत में एक पाठक ने पूछा था, ‘इन्फोसिस कैसे आधा हो सकता है? उसकी कमाई का क्या होगा?’ इसके अलावा और भी कई सवाल हमसे पूछते हुए हास्यास्पद अनुमानों को चुनौती दी गई थी।
ऑफिस में एक नए आए युवक से हाल में उसके काम के बारे में पूछा गया। चक्रों का कैसे अनुमान व्यक्ति करने में इस्तेमाल किया जा सकता है, इस पर आश्चर्य जताने के बाद उनसे एक और सवाल पूछा गया कि क्या होगा अगर आप गलत निकले।
हम इंसानों का कई चीजों को लेकर मोह होता है। हम नुकसान के खिलाफ होते हैं और गलत जाने से डरते हैं। यह ठीक वैसी बात है जैसे किसी से पूछ लिया जाए कि कैसे बाजार का अग्रणी ढह सकता है।
कुछ ऐसे सवाल भी हैं जो यह पीढ़ी फिर और नहीं पूछेगी। हो सकता है अगली पीढ़ी वे ही सवाल पूछे। पर अभी उसमें लंबा वक्त है।
पैटर्न और चक्र
निफ्टी और अन्य सूचकांकों में तमाम गतिविधियों के विपरीत सीएनएक्स आईटी लगभग स्थिर रहा है। इसकी एक अजीब सी संरचना बन रही है।
इसे आप पांच पैर वाली संरचना कह सकते हैं। ऐसी संरचना आमतौर पर तभी देखी जाती है जब कीमत ढांचा दिशा बदलने से पहले आखिरी दौर में हो।
इसका मतलब कि टेक्नोलॉजी सूचकांक उलटी दिशा में बढ़ने के लिए तैयार हैं। यह कोई छोटा-मोटा उलटफेर नहीं है और कीमतें कम से कम 30 प्रतिशत बढ़ सकती हैं। बाजार जिस तरह से आईटी क्षेत्र में नौकरियों और संकट को लेकर चिंतित है, उसे देखते हुए यह कोई आसान लक्ष्य नहीं है।
निफ्टी फिर से फिसल गया है और अक्टूबर 2008 के न्यूनतम स्तर के आसपास बढ़ रहा है। इसी मोड़ पर हम बाजार चक्र से बाजार पैटर्न की तरफ देखते हैं। ऐसे में किटचिन चक्र पूंजी बाजार में कैसे महत्वपूर्ण हो जाता है, इसका चक्र की अवधि से भी मतलब होता है।
हर सवा तीन साल में हम में से ज्यादातर लोगों ने दो किटचिन चक्र देखे हैं। जो निवेशक 1998 से बाजार में हैं (अगर वे मौजूदा वित्तीय संकट से बच गए हों तो), उनको किटचिन के तीन चक्र देखने का मौका मिला होगा। ये चक्र 9 से 12 वर्ष के होते हैं और जगलर कहलाते हैं।
मौजूदा जगलर चक्र भी 2011-12 में खत्म होना चाहिए। हम चक्र में बंधे हैं। ऐसे में हमें छोटा किटचिन चक्र भी अपने निवेश के लिए बहुत लंबा लगता है।
सीएनएक्सआईई पर किटचिन का चक्र बदल रहा है। पहले चरण में इसे मई-जून 2009 तक बढ़ना चाहिए। उसके बाद गिरावट आनी चाहिए। वर्ष अंत तक इसे पुन: बढ़ना चाहिए।
बदलाव पर दांव
दो साल पहले से हम टेक्नोलॉजी सेक्टर निरुत्साहित हैं। यह सेक्टर मंदी की जकड़ में है। दो साल पहले जनवरी, 2007 में हमने अपने इंडिया आउटलुक 2007 में ठीक यही बात कही थी।
तब हमने कहा था, ‘इन्फोसिस और भारतीय कंपनियों को लेकर विदेशों में हल्ला होने के बावजूद यह क्षेत्र 2006 में दूसरे सभी सेक्टरों के मुकाबले कमजोर रहा है।