रिटायरमेंट प्लानिंग में महंगाई का ध्यान रखना भी है जरूरी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 08, 2022 | 4:46 AM IST

मैं अपने रिटायरमेंट (सेवानिवृत्ति) के लिए संपत्ति इकट्ठा करना चाहता हूं, हालांकि इस काम के लिए हो सकता है देर हो चुकी हो क्योंकि मैं 33 साल का हो चुका हूं।


फिलहाल मैंने जायदाद में निवेश नहीं किया है और मैं बीमा के (एलआईसी) जरिए टैक्स का लाभ लेता हूं। मैं बीमा से निवेश की ओर आना चाहता हूं। कृपया इस दिशा में जाने के लिए सुझाव दें। इसके अलावा मैं अपने रिटायरमेंट के लिए 60 लाख का कोष भी बनाना चाहता हूं।

मैं शेयर बाजार में निवेश करना चाहता हूं और साल भर में करीब एक लाख का निवेश करने की इच्छा है और अगले चार से पांच साल में इसे बढ़ाकर तीन लाख करना चाहता हूं।

लक्ष्य

शेयर बाजार में एक लाख का निवेश करना चाहते हैं और अगले चार-पांच साल तक इसे रख कर तीन लाख का कोष बनाना चाहते हैं।

रिटायरमेंट के लिए 60 लाख रुपए का कोष बनाना चाहते हैं।

समाधान

आपके पोर्टफोलियो में कई तरह की बीमा पॉलिसियां हैं, एनडाउमेंट पॉलिसी से लेकर यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (यूलिप) तक। ये पूरी तरह से निवेश के तरीके नहीं होते जैसा कि इन्हें समझा जाता है।

अपने निवेश की योजना बनाने और पोर्टफोलियो बनाने के लिए कभी भी देर नहीं होती। इसकी समीक्षा करने के लिए सबसे पहले जरूरी है कि आपकी यूलिप बीमा पॉलिसी की शतै देखी जाएं और आने वाले समय में धीरे धीरे योजनाबध्द तरीके से इन्हें खत्म किया जाए। 

बीमा से जुड़े निवेश  ज्यादा खर्चीले साबित होते हैं। चूंकि आपकी उम्र के लिए पर्याप्त जीवन बीमा अहम है। लिहाजा एक मियादी (टर्म) जीवन बीमा कवर और एक दुर्घटना बीमा पॉलिसी लें। आपके निवेश के लिए हम एक योजना का सुझाव देंगे।

शेयरों में सीधे निवेश करने से बचें:

अगर आपके पास समय नहीं है और सही जानकारियां रखने और उन्हें समझने का अभाव है तो यह आपके लिए घातक हो सकता है। अपनी लांग टर्म की बचत को इक्विटी फंडों में निवेश करें।

कुछ अच्छे फंडों का चुनाव करें और नियमित रूप से निवेश करें। अच्छे डाइवर्सिफाइड फंड चुनें और ऐसे पोर्टफोलियो से बचें जिनका फोकस संकीर्ण हो यानी चुनींदा सेक्टर वाले या किसी थीम वाले फंड। आपके पास जो दो फंड हैं, वे हैं एलआईसी टॉप 100 फंड और यूटीआई इंफ्रास्ट्रक्चर एडवांटेज फंड।

दोनों ही काफी कुछ नए हैं और इनका कोई ट्रैक रिकार्ड नहीं है।

नियमित रूप से निवेश करें:

बाजार को टाइम करने की कोशिश न करें यानी उसके स्तरों का आकलन न करें। बाजार जब ठंडा हो या कमजोर पडे एेसे मौकों पर निवेश करें। आपके अभी तक के पोर्टफोलियो को देखते हुए हम आपको कंजरवेटिव यानी पारंपरिक पोर्टफोलियो बनाने की सलाह देंगे।

चार फंड, डीएसपी ब्लैकरॉक टॉप 100, फ्रैंकलिन इंडिया प्राइमा प्लस और बिड़ला सन लाइफ फ्रंटलाइन इक्विटी फंड, तीन डाइवर्सिफाइड इक्विटी फंड जिनका कि ट्रैक रिकार्ड भी बेहतर है, यह आपके पोर्टफोलियो का अहम हिस्सा होंगे। हम पोर्टफोलियो की स्थिरता के लिए  कोटक फ्लेक्सी डेट फंड में निवेश का सुझाव देंगे।

आयकर की धारा 80 सी का फायदा लेने के लिए आप ऊपर दिए गए किसी भी इक्विटी फंड को उसी तरह के किसी ईएलएसएस से बदल सकते हैं। इसके लिए हमारी पसंद होगी, मैग्नम टैक्सगेन, सुंदरम बीएनपी पारिबास टैक्स सेवर और फ्रैंकलिन टैक्सशील्ड।

अपने इक्विटी फंडों की सालाना समीक्षा करें:

हर साल अपने पोर्टफोलियो को फिर से संतुलित करें ताकि इक्विटी और डेट का अनुपात 75:25 का हो। दस हजार रुपए के मासिक निवेश पर सालाना दस फीसदी के रिटर्न के हिसाब से 25 साल में आप 1.3 करोड़ रुपए इकट्ठा कर लेंगे यानी जब आप रिटायरमेंट के करीब होंगे।

अच्छी बात ये हैं कि यह रकम आपके अनुमानों से काफी ज्यादा है लेकिन बुरी खबर यह है कि यह रकम इन सालों में बढ़ी महंगाई से एडजस्ट यानी समायोजित नहीं की गई है। इसके लिए आपको अपनी बढ़ती कमाई के साथ साथ अपना निवेश भी बढ़ाना होगा।

First Published : November 23, 2008 | 9:45 PM IST