भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने श्योरिटी बॉन्ड इंश्योरेंस की वृद्धि को गति देने और उसकी चुनौतियों को खत्म करने के लिए कार्यबल का गठन किया है। इसमें बीमा कंपनियों, बैंकों और पुनर्बीमा करने वालों के प्रतिनिधि शामिल हैं।
बीमा नियामक और जनरल इंश्योरेंस काउंसिल ने श्योरिटी बॉन्ड मार्केट के हिस्सेदारों को मुंबई में श्योरिटी कॉन्क्लेव में एक मंच प्रदान किया, जिससे बैंकों और बीमाकर्ताओं के बीच सहयोग, डेटा शेयरिंग और श्योरिटी बॉन्डों के विस्तार की संभावना पर बातचीत हो सके।
कार्यक्रम के दौरान आईआरडीएआई के चेयरमैन देवाशीष पांडा ने कहा, ‘भारत के बुनियादी ढांचे के विकास में श्योरिटी बॉन्डों की अहम भूमिका होती है। इसके सामने आ रही चुनौतियों के समाधान और सहयोग बढ़ाकर हम इस मूल्यवान वित्तीय साधन की पूरी क्षमता का इस्तेमाल कर सकते हैं। आज की चर्चा ने हिस्सेदारों के बीच अर्थपूर्ण तालमेल की राह निकाली है, जो कठिनाइयां दूर करने में मददगार होगी।’
श्योरिटी बॉन्ड, जोखिम स्थानांतरण की व्यवस्था है। इसमें एक बीमा कंपनी लाभार्थी को गारंटी मुहैया कराएगी कि प्रिंसिपल या कॉन्ट्रैक्टर, कांट्रैक्ट संबंधी बाध्यताओं को पूरा करेगा। कॉन्क्लेव के दौरान उद्योग ने विभिन्न चुनौतियों पर भी चर्चा की, जिसका सामना उद्योग को करना पड़ रहा है।
इसमें नियामकीय समानता, जमानत क्षतिपूर्ति समझौतों को लागू किए जाने का मसला, डेटा तक पहुंच और डेटा साझा करने संबंधी समझौते शामिल हैं। जनरल इंश्योरेंस काउंसिल (जीआईसी) के चेयरमैन और बजाज आलियांज जनलर इंश्योरेंस के एमडी और सीईओ तपन सिंघल ने कहा, ‘बैंकों और बीमाकर्ताओं के बीच सहभागिता और बाधारहित डेटा शेयरिंग की भूमिका श्योरिटी बॉन्डों को अगले चरण में ले जाने में अहम होगी। कार्यबल गठित किया जाना महत्त्वपूर्ण कदम है, जिससे भारत के बुनियादी ढांचे के विकास की कहानी में श्योरिटी बॉन्ड अहम भूमिका निभा सकेंगे।’
इस कार्यक्रम में भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश खारा, इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) के सीईओ सुनील मेहता, वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट ऐंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (डब्ल्यूडीआरए) के चेयरमैन टीके मनोज कुमार ने भी हिस्सा लिया।