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वित्त वर्ष 22 के विनिवेश से आईपीओ, पुनर्खरीद नदारद

Last Updated- December 11, 2022 | 8:16 PM IST

ऐक्सिस बैंक, एनएमडीसी और ओएनजीसी ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए विनिवेश की अधिकतम रकम सृजित करने में मदद की। इस बीच, ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) विनिवेश का सबसे तरजीही जरिया बना रहा। किसी सूचीबद्ध कंपनी की हिस्सेदारी बेचने का एक जरिया ओएफएस है, जिसमें स्टॉक एक्सचेंज के प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल होता है। हाल में संपन्न ओएनजीसी के ओएफएस समेत वित्त वर्ष 2021-22 में विनिवेश के जरिए कुल 16,500 करोड़ रुपये जुटाए गए, जो सरकार के 78,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य के पांचवें हिस्से से भी कम है। विनिवेश की रकम में 64,500 करोड़ रुपये की कमी भारतीय जीवन बीमा निगम के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम में देरी के कारण हुई। सरकार ने साल के दौरान एक भी आईपीओ नहीं उतारा। वित्त वर्ष 21 में सरकार ने मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स, आईआरएफसी और रेलटेल कॉर्प का आईपीओ पेश किया था। साथ ही पुनर्खरीद की संख्या वित्त वर्ष 21 के सात के मुकाबले घटकर वित्त वर्ष 22 में महज एक रह गई। सरकार ने वित्त वर्ष 21 में 32,845 करोड़ रुपये जुटाए थे, जो वित्त वर्ष 22 के मुकाबले दोगुना है।    

First Published - April 3, 2022 | 11:14 PM IST

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