वित्त-बीमा

शुरुआत में कॉल मार्केट में सहकारी बैंकों की भागीदारी पर अंकुश

हाल के महीनों में गतिविधि में तेजी आई है, जो सहकारी बैंकों की सदस्यता में वृद्धि का संकेत देती है।

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अंजलि कुमारी   
Last Updated- July 23, 2025 | 10:59 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा कॉल मार्केट लेनदेन के लिए एनडीएस-कॉल प्लेटफॉर्म की सदस्यता अनिवार्य करने के निर्देश के बाद कॉल मनी मार्केट में सहकारी बैंकों की भागीदारी में तेजी से गिरावट आई। बहरहाल हाल के महीनों में गतिविधि में तेजी आई है, जो सहकारी बैंकों की सदस्यता में वृद्धि का संकेत देती है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘कॉल मनी मार्केट गतिविधि के लिए एनडीएस-कॉल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर अनिवार्य सदस्यता के रिजर्व बैंक के निर्देश के बाद कॉल मनी मार्केट में सहकारी बैंकों की भागीदारी में उल्लेखनीय कमी आई है। बहरहाल हाल के महीनों में इसमें तेज़ी आई है, जो सहकारी बैंकों की सदस्यता में वृद्धि का संकेत देती है।’

1 अप्रैल, 2021 को जारी रिजर्व बैंक निर्देश और उसके बाद 29 सितंबर, 2022 को फिक्स्ड इनकम मनी मार्केट ऐंड डेरिवेटिव्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफआईएमएमडीए) की अधिसूचना के बाद कुल मिलाकर कॉल मनी मार्केट में रिपोर्ट किए गए सौदों की हिस्सेदारी में काफी गिरावट आई है।

First Published : July 23, 2025 | 10:36 PM IST