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IndusInd Bank को ₹1,979 करोड़ का झटका, बाहरी ऑडिट एजेंसी ने खोली डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में गड़बड़ियों की पोल

कथपालिया ने भरोसा जताया है कि डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में हुई गड़बड़ियों के चलते मुनाफे पर असर पड़ने के बावजूद, बैंक Q4 और FY25 में नेट प्रॉफिट दर्ज करेगा।

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सुब्रत पांडा   
Last Updated- April 16, 2025 | 8:25 AM IST

इंडसइंड बैंक को डेरिवेटिव सौदों में गंभीर गड़बड़ी का सामना करना पड़ा है। बैंक ने मंगलवार को जानकारी दी कि उसकी आंतरिक समीक्षा की पुष्टि के लिए नियुक्त की गई बाहरी ऑडिट एजेंसी PwC ने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में विसंगतियों की पहचान की है। इन गड़बड़ियों के कारण 30 जून 2024 तक बैंक को ₹1,979 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा है। बैंक ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि उसे यह रिपोर्ट 15 अप्रैल को प्राप्त हुई। रिपोर्ट में डेरिवेटिव डील्स समेत अन्य अनियमितताओं का उल्लेख किया गया है।

गड़बड़ियों से नेट वर्थ पर 2.27% असर- PwC

बाहरी एजेंसी की रिपोर्ट के आधार पर इंडसइंड बैंक ने कहा है कि पाई गई गड़बड़ियों का दिसंबर 2024 तक बैंक की नेट वर्थ पर 2.27% का कर-पश्चात नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में बैंक की नेट वर्थ ₹65,102 करोड़ थी।

बैंक ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा, “बैंक इस प्रभाव को वित्त वर्ष 2024-25 की वित्तीय रिपोर्ट में उपयुक्त रूप से दर्शाएगा और डेरिवेटिव अकाउंटिंग ऑपरेशंस से जुड़ी आंतरिक प्रक्रियाओं को मजबूत करने के लिए जरूरी कदम उठाता रहेगा।”

10 मार्च को खुली थी इंडसइंड बैंक में घोटाले की पोल

इससे पहले, 10 मार्च को बैंक ने शेयर बाजार को जानकारी दी थी कि उसकी आंतरिक समीक्षा में डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में गड़बड़ियां पाई गई थीं, जिनका दिसंबर 2024 तक बैंक की नेट वर्थ पर 2.35% का नकारात्मक प्रभाव पड़ने का अनुमान है, यानी करीब ₹1,530 करोड़ का असर। तब बैंक ने बताया था कि उसने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में संभावित नुकसान के आकलन की समीक्षा के लिए PwC को नियुक्त किया है। बाद में बैंक ने यह भी खुलासा किया कि उसने इन गड़बड़ियों की जड़ तक पहुंचने और विस्तृत जांच के लिए एक स्वतंत्र पेशेवर संस्था को नियुक्त करने का फैसला किया है।

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इंडसइंड बैंक ने CD मार्केट से ₹16,550 करोड़ जुटाए

इस बीच, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने एक बयान जारी कर इंडसइंड बैंक के जमाकर्ताओं से अपील की कि वे बैंक को लेकर फैल रही अटकलों पर प्रतिक्रिया न दें, क्योंकि बैंक की वित्तीय स्थिति स्थिर है। इसी दौरान बैंक ने किसी भी संभावित लिक्विडिटी संकट से निपटने के लिए सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट (CD) मार्केट से भारी मात्रा में उधारी ली। मार्च महीने में बैंक ने 7.75% से 7.9% की कूपन दर पर ₹16,550 करोड़ की राशि CDs के जरिए जुटाई। यह रकम आमतौर पर CD मार्केट से बैंक द्वारा जुटाई जाने वाली औसत राशि से लगभग पांच गुना ज्यादा थी।

FY25 में मुनाफे का भरोसा- सुमंत कथपालिया

इससे पहले, RBI ने इंडसइंड बैंक के वर्तमान MD और CEO सुमंत कथपालिया को केवल एक वर्ष का विस्तार दिया था, जबकि बैंक के बोर्ड ने तीन साल के पुनर्नियुक्ति की सिफारिश की थी। एक विश्लेषक कॉल में कथपालिया ने संकेत दिया था कि डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में पाई गई गड़बड़ियां, RBI द्वारा केवल एक वर्ष का विस्तार दिए जाने के कारणों में से एक हो सकती हैं। कथपालिया ने भरोसा जताया है कि डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में हुई गड़बड़ियों के चलते मुनाफे पर असर पड़ने के बावजूद, इंडसइंड बैंक चौथी तिमाही (Q4) और पूरे वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) में नेट प्रॉफिट दर्ज करेगा।

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इंडसइंड बैंक की फाइनेंशियल हेल्थ

इंडसइंड बैंक ने इस महीने की शुरुआत में अपनी तिमाही अपडेट में खुलासा किया था कि मार्च 2025 को समाप्त चौथी तिमाही (Q4FY25) में उसके रिटेल और स्मॉल बिजनेस ग्राहकों की जमा राशि ₹3,550 करोड़ घटकर ₹1.88 लाख करोड़ से ₹1.85 लाख करोड़ रह गई। हालांकि, बैंक की कुल जमा राशि में वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही (Q3FY25) की तुलना में 0.4% की मामूली वृद्धि हुई।

Q4 के अंत में बैंक की कुल जमा राशि (deposit portfolio) ₹4.11 लाख करोड़ रही, जो सालाना आधार पर 6.8% की वृद्धि है। पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा ₹3.84 लाख करोड़ था। इस दौरान बैंक के कुल कर्ज वितरण (advances portfolio) में भी गिरावट देखने को मिली, जो दिसंबर तिमाही की तुलना में लगभग ₹19,000 करोड़ कम रहा।

First Published : April 16, 2025 | 8:25 AM IST