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UPI लेनदेन में रुकावट: NPCI और बैंकों का प्रयास, तकनीकी समस्याओं का समाधान जल्द

गत तीन सप्ताह के भीतर आए कई व्यवधान से ग्राहकों में चिंता बढ़ गई है तथा उन्हें लेनदेन पूरा करने में असुविधा हुई।

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सुब्रत पांडा   
अजिंक्या कवाले   
अभिजित लेले   
Last Updated- April 15, 2025 | 11:17 PM IST

देश के प्रमुख भुगतान प्लेटफॉर्म यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) का संचालन करने वाली नैशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने प्लेटफॉर्म पर हाल के दिनों में आई रुकावटों पर चर्चा करने के लिए प्रमुख बैंकों और तीसरे पक्ष के ऐप्लिकेशन प्रदाताओं (टीपीएपी) के साथ आज बैठक की। घटनाक्रम से अवगत सूत्रों ने यह जानकारी दी। गत तीन सप्ताह के भीतर आए कई व्यवधान से ग्राहकों में चिंता बढ़ गई है तथा उन्हें लेनदेन पूरा करने में असुविधा हुई।

सूत्रों के अनुसार एनपीसीआई ने बैंकों और थर्ड-पार्टी ऐप प्रदाताओं (टीपीएपी) को हाल ही में आई रुकावटों की जानकारी दी और कहा कि वह 12 अप्रैल की रुकावट के मूल कारण का विश्लेषण कर रही है, जो इस सप्ताह पूरा होने की उम्मीद है। इसके अलावा एनपीसीआई ने हितधारकों को भरोसा दिया कि वह इस तरह के व्यवधान को कम करने के लिए अपनी ओर से आवश्यक कदम उठा रही है। उसने बैंकों से भी यूपीआई प्रणाली का सुचारु संचालन सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

सूत्रों ने यह भी कहा कि एनपीसीआई ने बैंकों को सूचित किया है कि वह एक विस्तृत कार्य सूची साझा करेगी, जिसमें यूपीआई पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने और भविष्य में व्यवधान की आशंका को कम करने के लिए लागू किए जाने वाले विशिष्ट कार्यों की रूपरेखा होगी।

बैठक में भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, ऐक्सिस बैंक और येस बैंक समेत कई बैंकों के अधिकारी शामिल थे। सूत्रों ने बताया कि फोनपे और गूगल पे ने भी बैठक में हिस्सा लिया।

सार्वजनिक क्षेत्र के एक बैंक के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘आज की बैठक में यूपीआई से संबंधित बुनियादी ढांचे के संचालन में बैंकों के समक्ष आने वाली किसी भी बैंक स्तर की चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया। एनपीसीआई व्यवधान के मूल कारण का अभी विश्लेषण कर रही है, जिसके इस सप्ताह पूरा होने की उम्मीद है।’ उन्होंने कहा कि लाखों छोटे लेनदेन और लंबी अवधि की रुकावटों से कठिनाई हुई। आरबीआई और सरकार की कई इकाई इस मामले पर नजर रखे हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘एनपीसीआई बोर्ड की अभी तक कोई बैठक नहीं हुई है लेकिन कई निदेशक, जो बैंकर हैं उन्हें इसकी जानकारी है।’

यूपीआई प्रणाली में 26 मार्च को रुकावट आई, उसके बाद 31 मार्च, 2 अप्रैल और 12 अप्रैल को भी रुकावट आई। एनपीसीआई ने सोशल मीडिया के अपने एक्स अकाउंट पर स्पष्ट किया कि 26 मार्च को उसे बीच-बीच में तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिसके कारण यूपीआई लेनदेन में आंशिक गिरावट आई। 1 अप्रैल को इसने कहा था कि वित्त वर्ष के समापन के कारण कुछ बैंकों को बीच-बीच में लेनदेन में व्यवधान का सामना करना पड़ा लेकिन यूपीआई सिस्टम ठीक काम कर रहा था।

2 अप्रैल को एनपीसीआई ने स्पष्ट किया था कि कुछ बैंकों में सफलता दर में उतार-चढ़ाव के कारण यूपीआई में रुक-रुक कर गिरावट आ रही है, जिससे यूपीआई नेटवर्क में लेनदेन में देरी बढ़ गई है। 12 अप्रैल को एनपीसीआई ने कहा कि उन्हें बीच-बीच में तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण यूपीआई लेनदेन में आंशिक गिरावट आई है।

बिज़नेस स्टैंडर्ड ने पहले बताया था कि यूपीआई को संचालित करने वाले इंटरनेट सेवा प्रदाताओं के कारण नेटवर्क में व्यवधान, हार्डवेयर में खराबी और बैंकों की लेनदेन प्रॉसेसिंग प्रणालियों पर अत्यधिक भार 26 मार्च, 1 अप्रैल और 2 अप्रैल को यूपीआई में रुकावट आने के संभावित कारण हो सकते हैं। 

दूरसंचार नेटवर्क में उतार-चढ़ाव के कारण संभवत: 26 मार्च को यूपीआई सेवाएं बाधित हुई थीं, जिससे देश भर के उपयोगकर्ता बैंकिंग और थर्ड-पार्टी यूपीआई ऐप्लिकेशन दोनों पर एक घंटे से अधिक समय तक लेनदेन करने में असमर्थ रहे। सॉफ्टवेयर-डिफाइंड वाइड एरिया नेटवर्क को प्रभावित करने वाली एक अलग तकनीकी गड़बड़ी 2 अप्रैल को समस्या का कारण हो सकती है। यूपीआई के लेनदेन की संख्या नए शिखर पर पहुंचने के बावजूद यह व्यवधान हुआ। 

First Published : April 15, 2025 | 10:59 PM IST